Uttar Pradesh Kinnar Akhara सनातन धर्म में रंगो का विशेष महत्व है: कौशल्य नंद गिरी

Uttar Pradesh Kinnar Akhara

Uttar Pradesh Kinnar Akhara सनातन धर्म में रंगो का विशेष महत्व है : कौशल्य नंद गिरी

 

Uttar Pradesh Kinnar Akhara प्रयागराज !  उत्तर प्रदेश किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी (टीना मां) ने कहा कि सनातन धर्म में रंगों का विशेष महत्व होता है।


उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य कौशल्या नंद गिरी ने शनिवार काे कहा कि यदि हम होली की बात करते हैं तो यह रंगो का त्यौहार है। मानव जीवन में भी रंगों का विशेष महत्व होता है। जीवन रंगों के बिना अधूरा है। जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए कई प्रकार के रंगों की आवश्यकता पड़ती है। यही रंग हमारी इंद्रियों को आकर्षित करने के साथ हमारे विचारों और भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं। रंगों का त्यौहार होली अपने साथ ऐसे तमाम रंगों को लेकर आता है जिनमें से हर रंग कुछ न/न कुछ कहता प्रतीत होता है।


Uttar Pradesh Kinnar Akhara  महामंडलेश्वर ने कहा कि पूजा के स्थान पर रंगोली बनाना कलाधर्मिता के साथ रंगों के मनोविज्ञान को भी प्रदर्शित करता है। कुंकुम, हल्दी, अबीर, गुलाल, मेंहदी के रूप में पांच रंग हर पूजा में शामिल हैं। धर्म ध्वजाओं के रंग, तिलक के रंग, भगवान के वस्त्रों के रंग भी विशिष्ठ रखे जाते हैं। ताकि धर्म-कर्म के समय हम उन रंगों से प्रेरित हो सकें और हमारे अंदर उन रंगों के गुण आ सकें।


हिन्दू धर्म की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है। लाल रंग संस्कृति का भी प्रतीक है तथा लाल रंग से हमें सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है। सभी देवी- देवताओ को लाल चन्दन या लाल रोली का टीका लगाया जाता है। खुशियों का प्रतीक होली का प्रत्येक रंग केवल प्यार और सम्मान की भाषा बोलता है।


Uttar Pradesh Kinnar Akhara उन्होंने कहा कि होली भी संक्रांति के समान एक देवी हैं। षड्विकारों पर विजय प्राप्त करने की क्षमता होलिका देवी में है। विकारों पर विजय प्राप्त करने की क्षमता प्राप्त होने के लिए होलिका देवी से प्रार्थना की जाती है इसलिए होली को उत्सव के रूपमें मनाते हैं। हाेली धूमधाम से मनाने के पीछे सब का उद्देश्य एक ही होता है, कि आपसी मनमुटावों को त्यागकर समाज में मेलजोल के साथ भाईचारा बढ़ावा मिले।


किन्नर कल्याण बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि होली लोगों में आपसी मन मुटाव दूर करने और मेल मिलाप को बढ़ावा देने के साथ रिश्तों में मजबूती और भाईचारा कायम करने वाला त्यौहार होता है। उन्होंने बताया कि होली का त्यौहार सनातन धर्म की समृद्धी को बढ़ावा देने वाला त्यौहार है। इस दिन लोग आपसी पुराने मतभेद भुलाकर एक दूसरे को रंग , अबीर गुलाल लगाकर हंसी खुशी से होली का उत्सव मनाते हैं।

 

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उन्होंने कहा कि होली खुशियों से भरा ऐसा त्यौहार है छोटे-बड़े, महिलाएं-पुरूष, धर्म और सामाजिक स्तर को छोड़कर किसी न/न किसी रंग में रंगा नजर आता है। उगते सूरज का लाल रंग होने के अलावा मानव शरीर जीवन देने वाले रक्त का लाल रंग उल्लास और शुद्धता का प्रतीक है। होली के अवसर पर लाल रंग का प्रयोग प्रेम एवं सौहार्द की भावना को बढ़ाने के साथ मानसिक बल का सुदृढता प्रदान करने वाला होता है।

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