Tradition of chhattisgarh छत्तीसगढ़ की परंपरा है गांव में मातर तिहार का आयोजन :- योगेश तिवारी

Tradition of chhattisgarh

Tradition of chhattisgarh  मातर तिहार में किसान नेता योगेश तिवारी बतौर मुख्य अतिथि हुए शामिल 

Tradition of chhattisgarh बेमेतरा !  विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरदा, खम्हरिया, चोंगीखपरी, नेवनारा में आयोजित मातर तिहार में किसान नेता योगेश तिवारी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए । गांव में मड़ई मेला खुशियों का त्योहार है, गांव के लोग आपसी-भाईचारे के बीच इस मेले को आयोजित कर मनाते हैं।

Tradition of chhattisgarh इस तरह का आयोजन गांव में होता रहे और आप सभी सुख-शांति से सद्भावनापूर्वक रहे, यही कामना है। सर्वप्रथम किसान नेता ने यादव समाज के लोगों के साथ पशुधन की पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना किया । इस अवसर पर किसान नेता ने ग्रामीणों के साथ हाथों में लाठी लेकर राउत नाच में शामिल हुए यहां यादव समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे ।

Tradition of chhattisgarh इस अवसर पर किसान नेता ने कहा कि गांव में मड़ई मेला खुशियों का त्यौहार है । गांव के लोग आपसी-भाईचारें के बीच इस मेले को आयोजित कर मनाते हैं। इस तरह का आयोजन गांव में होता रहे और आप सभी सुख-शांति से सद्भावनापूर्वक रहे यहीं कामना है। । गांव में मातर, मेला, मड़ाई छत्तीसगढ़ की परंपरा है । दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और उसके बाद के दिन को मातर कहा जाता है । मातर में मा का अर्थ माता और तर यानी उनकी शक्ति को जगाना ।

आपसी प्रेम व सौहार्द का भाव जागृत होता है 

Tradition of chhattisgarh किसान नेता ने कहा कि इस पर्व में गाय की पूजा की जाती है । छत्तीसगढ़ में यह पर्व मुख्य रूप से यादव समाज के लोगों द्वारा मनाया जाता है, परंतु अन्य समाज के लोग भी इसमें शामिल होते हैं । जिससे आपसी प्रेम व सौहार्द का भाव जागृत होता है । यादव समुदाय के लोग घर-घर जाकर दोहा नाच करते हैं । गांव के गौठान में यादव समुदाय के लोग पारंपरिक परिधान पहन कर इकट्ठा होते हैं । समाज के लोग पशुधन की पूजा करते है ।

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