उमेश कुमार डहरिया
kusmunda कोरबा कुसमुंडा मुख्य मार्ग के किनारे हटवाया गया बड़े पैमाने पर अतिक्रमण
kusmunda कोरबा – “जहां दिखी जमीन सरकारी वह हो गई हमारी” इस तर्ज पर जिले भर में चल रहे अतिक्रमण की खबरें देखने और सुनने को मिलती रहती हैं। SECL कुसमुंडा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की पूर्व के SECL कुसमुंडा प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी की वजह से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बेजा कब्जा हुए हैं !
kusmunda जो आज तलक चल रहें है, ऐसे में वर्तमान कुसमुंडा जीएम संजय मिश्रा ने हाल में हो रहे बेजाकब्जा की शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए सभी बेजाकब्जा को ध्वस्त करते हुए यह सीधा संदेश दे रहे है की SECL की जमीन पर पर अतिक्रमण नहीं होने देंगे।
kusmunda आपको बता दें कुसमुंडा खदान विस्तार के दौरान अनेकों अधिग्रहित ग्रामों को बसाने के लिए एसईसीएल को बड़े पैमाने पर जमीन की आवश्यकता है ऐसे में जो भी जमीन रिक्त है उन पर प्रबंधन की पैनी नजर है। बात करें आज हटाए गए बेजा कब्जा की तो जब से कोरबा कुसमुंडा मार्ग पर फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है तब से सड़क किनारे बची जमीनों पर आसपास के क्षेत्रों के लोगों की नजर बनी हुई है !
kusmunda जिसमें से कई लोग रातों-रात हरे भरे पेड़ पौधों को काटकर घर बना रहे हैं, कई साड़ी प्लास्टिक से घेरा बंदी कर जमीन पर अपना स्वामित्व प्रदर्शित कर रहे हैं। बीते दिन कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत वैशाली नगर खमरिया ग्राम और पुराने बैंक कॉलोनी के बीच सब स्टेशन से लगे नर्सरी पर बेजा कब्जा धारियों की बाढ़ सी आ गई !
लोग ररस्सी, साड़ी प्लास्टिक,लोहे के सीट इत्यादि से पूरे नर्सरी पर घेराबंदी कर धीरे-धीरे से घर बनाने लगे जिसकी शिकायत कुसमुंडा जीएम संजय मिश्रा को मिली जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सभी बेजा कब्जा को आज रविवार की सुबह हटवा दिया गया।
kusmunda इस दौरान विभागीय तोडू दस्ता के साथ बेजा कब्जा धारियों के द्वारा बदसलूकी भी की गई, बावजूद इसके विभागीय कर्मचारी अपना काम करते रहे उन्होंने बेजाकब्जा धारियों को यह समझाइश भी दी कि आने वाले समय में अगर इस प्रकार की फिर से बेजा कब्जा किया जाता है तो उसे हटाने से नहीं हम नही चूकेंगे।
kusmunda जिस स्थान पर यार बेजा कब्जा किया जा रहा था वहां पर एसईसीएल का 11 केवी का विद्युत सबस्टेशन भी है , जिसके आसपास प्लास्टिक के त्रिपाल को ढंक कर घर बनाया जा रहा था, हाइटेंशन तारो की जरा सी चिंगारी से घरों पर आग लग जाती जिसमें लोगो के जान का भी खतरा बना हुआ था !