Tamnar Gharghoda News : घरघोड़ा और तमनार में नए उद्योगों के भविष्य पर सवाल…..

Tamnar Gharghoda News : घरघोड़ा और तमनार में नए उद्योगों के भविष्य पर सवाल.....

Tamnar Gharghoda News : घरघोड़ा और तमनार में नए उद्योगों के भविष्य पर सवाल…..

अनिता गर्ग

Tamnar Gharghoda News :तमनार / घरघोड़ा और तमनार में नए उद्योगों के भविष्य पर सवाल उठा है। एनजीटी ने दोनों ब्लॉकों के पर्यावरणीय क्षमता का विस्तृत सर्वे करने का आदेश दिया था।

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छग पर्यावरण संरक्षण मंडल ने आईआईटी भिलाई के असिस्टेंट प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रवेश चंद्र शुक्ला को सर्वे का जिम्मा दिया था।

Tamnar Gharghoda News : दो प्रोफेसरों की टीम ने शुक्रवार को तमनार क्षेत्र का निरीक्षण शुरू कर दिया है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शिवपाल भगत व अन्य द्वारा तमनार और घरघोड़ा में बढ़ते प्रदूषण के कारण केस दायर किया था।

इसकी सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि तमनार व घरघोड़ा में कोयला खदानों, परिवहन और प्लांटों की वजह से प्रदूषण हो रहा है। सडक़ें भी उद्योगों की वजह से ही खराब हो रही हैं।

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खदानों व प्लांटों के आसपास गांवों में रहने वाले भी बीमारियों में जकड़ते जा रहे हैं। इसे रोकने में नाकाम प्रशासन अभी भी नए उद्योगों को अनुमति दे रहा है। साथ पुराने उद्योगों का विस्तारण भी बिना पर्यावरण की स्थिति देखे किया जा रहा है।

पर्यावरण को बचाने के लिए कोई भी ठोस प्रयास रायगढ़ में किए ही नहीं जा रहे हैं।एनजीटी ने सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद आदेश दिया था कि दोनों ब्लॉकों का इन्वायरमेंट लोड कैरिंग कैपेसिटी सर्वे कराया जाए।

एनजीटी ने नागपुर की संस्था नीरी से विस्तृत सर्वे का आदेश दिया था लेकिन इसमें एक साल से भी अधिक समय और ज्यादा फंड लग रहा था। इसलिए सीईसीबी ने दूसरी संस्थाओं से प्रस्ताव मंगवाए थे।

इसमें से आईआईटी भिलाई के असिस्टेंट प्रोफेसर पीसी शुक्ला को सर्वे के लिए चुना गया है। शुक्रवार को प्रोफेसर शुक्ला अपने एक और साथ विशेषज्ञ के साथ दोनों ब्लॉकों के निरीक्षण पर पहुंचे थे। उन्होंने तमनार के कई क्षेत्रों का दौरा किया है।

सीईसीबी के अधिकारी भी थे साथ
दोनों प्रोफेसरों ने शुक्रवार को तमनार का जायजा लिया। शनिवार को घरघोड़ा का दौरा है। इस दौरान सीईसीबी के अधिकारी और रायगढ़ के पूर्व आरओ आरके शर्मा भी उनके साथ ही थे।

रायगढ़ के वर्तमान क्षेत्रीय अधिकारी अंकुर साहू भी उनके साथ ही रहे। निरीक्षण के बाद बैठक भी की गई। दोनों ब्लॉकों में पर्यावरण से जुड़ा डाटा भी लिया जाएगा।

और कितना दबाव झेल सकती है प्रकृति
तमनार और घरघोड़ा में केवल प्लांट नहीं हैं बल्कि कोयला खदानें, कोल वॉशरी, कोल डिपो, रेलवे साइडिंग भी हैं। रायगढ़ में रोड के जरिए 80 प्रश कोयले का परिवहन होता है। इसलिए दोनों ब्लॉकों में प्रदूषण बहुत अधिक है।

एनजीटी ने सर्वे का आदेश इसलिए दिया है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि क्षेत्र में और उद्योग लग सकते हैं या नहीं। क्या यहां की प्रकृति प्रदूषण का और दबाव झेल सकती है?

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