Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – भ्रामक विज्ञापन को जरूरी फटकार
– सुभाष मिश्र एक मुहावरा है अपना पूत सबहिं को प्यारा, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं निकाला जा सकता कि दूसरों के बच्चे के गुण-दोषों को अच्छे से जाने बगैर उसकी निंदा कर दी जाये। ऐसा ही एक मामला हुआ है पतंजलि आयुर्वेद के साथ। दरअसल, पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट […]
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