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Margins : हाशिये पर हैं मुंशी प्रेमचन्द और किसान

Margins : चेहरा बदल गया है मगर किसानों का भला नहीं हुआ Margins :  गोरखपुर .एक सदी पूर्व भारतीय ग्राम समाज को विषय वस्तु बनाकर कथा जगत में अपनी लेखनी से आन्दोलन पैदा करने वाले मुंशी प्रेमचन्द और उनका प्रिय किसान दोनों आज हाशिए पर है। किसान कभी आन्दोलनजीवी नहीं था वह श्रमजीवी था। also […]

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