surgical strike नक्सलियों का समर्थन करने वाले भूपेश बघेल को राजनांदगांव की जनता सबक सिखायेगी : भाजपा

surgical strike

surgical strike छत्तीसगढ़ के बेटे बेटियो का खून बहाने वालो के साथ खड़े है भूपेश बघेल : भाजपा

 

surgical strike  राजनांदगाँव। नक्सली घटना पर भाजपा ने पत्रकार वार्ता लेते हुए भाजपा नेता खूबचंद पार्क ने पत्रकारों को बताया कि 16 अप्रैल, 2024 को काँकेर जिले में हुई मुठभेड़ में 29 नक्सलियों का मारा जाना नक्सलियों के खिलाफ किसी प्रदेश में हुई अब तक की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक है। 29 नक्सलियों का एनकाउंटर पुलिस विभाग के अधिकारियों और बहादुर जवानों के साहस और रणनीति का कमाल है। हमें उन पर गर्व है।

नक्सलियों को शहीद बताने वाले, 29 नक्सलियों के मुठभेड़ में मारे जाने को फर्जी एनकाउंटर बताने वाले और मुठभेड़ की जाँच की मांग करने वाले भूपेश बघेल अब यह साफ-साफ जान लें कि प्रदेश की जनता विकास की समर्थक है। अब यह स्पष्ट हो गया कि नक्सलियों से पहले कांग्रेस का राजनीतिक तौर पर खात्मा जरूरी है और इसकी शुरुआत बस्तर की जनता कल 19 अप्रैल को करने जा रही है।

surgical strike यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के प्रादेशिक से लेकर केंद्रीय नेताओं ने इस एनकाउंटर को लेकर शर्मनाक बयानबाजी की है,और इसका नेतृत्व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे है उन्होंने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया तो कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मारे गए नक्सलियों को शहीद बताया और इस मुठभेड़ की जाँच की मांग तक कर डाली। अगर-मगर के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी इस मुठभेड़ की जाँच की मांग कर बैठे हैं। ये सब काम भूपेश बघेल के नेतृत्व में उनके कहने पर हुआ उन्होंने ही पहले बयान देकर इसे फर्जी एनकाउंटर बताया।

 

क्या ऐसे नक्सली समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

 

कांग्रेस ने अपने इस राजनीतिक चरित्र के जरिए लोकतंत्र पर प्रहार किया है, देश के सुरक्षा बलों और उनके शौर्य पर प्रहार किया है। यह छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता पर प्रहार है। जिस तरह से कांग्रेस ने पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद की आग में झोंका था, पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगाँव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता के बयान कांग्रेस की निकृष्ट राजनीतिक मानसिकता को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है।

 

क्या कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

 

अपने शासनकाल में नक्सली मोर्चे पर अपनी नाकामी और नाकारापन की कुंठा से ग्रस्त पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगाँव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने काँकेर मुठभेड़ को फर्जी बताकर सुरक्षा बलों के मनोबल और पराक्रम पर प्रहार करने का काम किया है।

 

क्या कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

 

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को इस मुठभेड़ में घायल जवानों की वीरता को फर्जी बताने में जरा भी शर्म इसलिए महसूस नहीं हो रही है क्योंकि उनके शासनकाल में नक्सली राजनीतिक संरक्षण में भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की टारगेट किलिंग का सिलसिला चलाए हुए थे, भरी सभा में कांग्रेस विधायक की मौजूदगी में भाजपा के चुनाव प्रचारकों को काट और मार डालने की धमकियाँ दी जाती थीं।

 

क्या कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

 

इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है कि नक्सली बारुदी विस्फोट करके जवानों का खून बहाने की कायरता का प्रदर्शन कर रहे थे और कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेश सरकार उन शहीद जवानों का अंतिम संस्कार उनके गृहग्राम में नहीं करने की नक्सली धमकी के सामने दुम दबाकर बैठी रही थी! छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस की भूपेश सरकार के इस शर्मनाक रवैए को भूली नहीं है।

 

क्या कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

 

Chhattisgarh High Court न्यायिक आवासीय कॉलोनी बने राज्य के लिए मिसाल : चीफ जस्टिस सिन्हा

 

भूपेश बघेल ने तो कहा था कि झीरम घाटी के सबूत मेरी जेब में रखे हैं, तो आज तक जेब में ही क्यों रखे बैठे हैं, नक्सलियों को बचाने वाले सबूत छुपाने वाले क्या कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को राजनांदगाँव से सांसद के तौर पर चुना जाना चाहिए?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU