Supreme court अन्नामलाई के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक
Supreme court नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी के. अन्नामलाई के खिलाफ कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के मामले में आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही पर सोमवार अंतरिम रोक लगा दी।
Supreme court न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और वकील जे साई दीपक की दलीलें सुनने बाद शिकायतकर्ता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। श्री अन्नामलाई पर ईसाई मिशनरियों पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के आरोप हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष उनके वकील ने याचिकाकर्ता के साक्षात्कार की प्रतिलिपि दिखाते हुए कहा कि इसमें कोई नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं था।
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इसके बाद पीठ ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता पीयूष से जवाब-तलब करते हुए कहा कि श्री अन्नामलाई की टिप्पणी पर प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत अपराध नहीं बनता है। पीठ इस मामले में अगली सुनवाई अप्रैल के आखिरी सप्ताह में करेगी।
भाजपा नेता ने मद्रास उच्च न्यायालय के आठ फरवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी थी।