Succinct description : व्यासपीठ से मनोज कृष्ण शास्त्री के द्वारा किया गया रुक्मणी कृष्ण मंगल का सरस वर्णन

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Succinct description व्यासपीठ से मनोज कृष्ण शास्त्री के द्वारा किया गया रुक्मणी कृष्ण मंगल का सरस वर्णन


Succinct description सक्ती । ग्राम पंचायत टेमर मे शर्मा परिवार द्वारा आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन व्यासपीठ से मनोज कृष्ण शास्त्री के द्वारा रुक्मणी कृष्ण मंगल का सरस वर्णन किया गया ।

https://youtu.be/goWQOmStRb8

Succinct description उन्होंने बताया कि रुकमणी जी तो साक्षात लक्ष्मी जी के अंश से ही राजा विश मक्की पुत्री बनी थी , जो भगवान द्वारिकाधीश श्री कृष्ण जी की सुंदरता उनके विशिष्ट गुणों को जानकर मन से ही अपने पति के रूप में वर्ण कर चुकी थी ।

Succinct description कुण्डिनपुर के राजा भीष्मा की पुत्री राजकुमारी रुकमणी ने जाना कि मेरा विवाह शिशुपाल के साथ किया जाना सुनिश्चित हो रहा है , तब वह भगवान कृष्ण को 7 पंक्तियों का एक पत्र लिखकर मन की बात कहती है जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने पढ़कर रुकमणी का हरण कर लिया और द्वारिका पुरी में बड़े आनंद के साथ रुक्मणी और श्री कृष्ण जी का ब्याह संपन्न हुआ , यही रुक्मणी भगवान श्री कृष्ण की प्रथम पटरानी बनी ।

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व्यासपीठ से मनोज कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा में रहकर प्रजा की सेवा और धर्म का पालन करने लगे तभी जरासंध ने यदुवंशियों को अपना शत्रु मानकर 17 बार आक्रमण किया था l

श्री कृष्णा ने बार-बार यदुवंशियों पर हो रहे आक्रमण से उनकी रक्षा करने के लिए विशाल समुद्र के बीचो-बीच 12 योजन अर्थात 48 कोस की एक भव्य किला जैसे महानगर का निर्माण विश्वकर्मा जी से करवा कर सभी यदुवंशियों को इसी नई द्वारिकापुरी में सुरक्षित रखा ।

18वीं बार जरासंध और कालयवन इन दोनों ने मिलकर फिर से आक्रमण किया तब भगवान श्रीकृष्ण ने राजा मुचकुंद को माध्यम बनाकर उसके नेत्रों की अग्नि से कालयवन को भस्म करवा दिया ।।

इस धरा पर अवतार लेने के लिए भगवान भी विचार करते हैं कि मेरा अवतार तो इस धरती से अधर्म का धार उतारने और पापियों का नाश करने के लिए हुआ है । यही प्रत्येक मनुष्यों को भी अपने जन्म लेने का हेतु अर्थात उद्देश्य निश्चित करना ही चाहिए , जीवन का लक्ष्य सुनिश्चित करना अति अनिवार्य है , तभी मनुष्य जीवन धन्य होता है ।

आचार्य मनोज कृष्ण शास्त्री के द्वारा अपने उद्बोधन में हिंदुत्व के प्रति स्वाभिमान और राष्ट्र के प्रति धर्म का पालन करने प्रेरणा प्रदान की गई । गोपी उद्धव संवाद की कथा में भ्रमरगीत प्रसंग और गोपियों के बिरह की कथा का आनंद एवं संकीर्तन का लाभ कथा के छठवें दिन हजारों श्रोताओं को प्राप्त हुआ । भागवत कथा महोत्सव आयोजित होने से टेमर ग्राम पंचायत का वातावरणधर्ममय हो गया !


आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा को सफल बनाने में ग्रामवासी जूटे हुए हैं छठे दिन की कथा में हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्तगण महिला पुरुष युवा नागरिक गण ने कथा श्रवण कर पुण्य का लाभ प्राप्त कर महाभोग भंडारे का महाप्रसाद ग्रहण किया !

कथा श्रवण करने वालों में दीनदयाल गबेल अनुभव तिवारी रथराम पटेल मंजूलता राठौर परमेश्वर राठौर भुरु अग्रवाल लीलाधर चंद्रा अमर सिंह चौहान दिलेश्वर चंद्रा शिव देवांगन वासुदेव देवांगन संतोष देवांगन हुलेश्वर राठौर पुष्पा देवी राठौर पूर्णा देवी गबेल रितेश सिंह नेहा सिंह सहित बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पुरुष भक्तगण उपस्थित थे !

 

 

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