सायबार फ्रॉड को लेकर SSP नें बैंक अधिकारियो से की बैठक,दिशा निर्देश के साथ कई बिन्दुओ पर हुई चर्चा!

हिमांशु/आज राजधानी हीं नहीं पुरे देश दुनिया मे सायबार फ्रॉड अमजन और पुलिस के लिये बाड़ी चुनौती बन चुकी हैँ.. वहीँ अब इससे निपटने पुलिस अपने स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगो को इससे बचने का तरीका तो बता रही हैँ साथ हीं ठगी हो जाने के बाद उस परेशान और पीड़ित को कैसे मदद मिल सके इसके लिये raipur police नें राजधानी के सौ से ज्यादा बैंकों के अधिकारियों को बैठक बुलाकर उनसे बैंकों की सुरक्षा से लेकर साइबर फ्रॉड कि प्रकरणों की जांच व कार्रवाई में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी। आग्रह किया गया कि वे पीडित लागरिकों की समस्याओं को सुलझाने तथा अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई में पुलिस का सहयोग करें। बैंकों और एटीएम में सुरक्षा गार्डो की तैनाती, भीतर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने, गार्ड के हथियारों का वैरिफिकेशन करने से लेकर बैंक के भीतर फायर सिस्टम को नियमित रूप

से चालू रखने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। इस पर बैंक वालों ने ज्यादातर बिन्दुओं को मुख्यालय और जोनल दफ्तरों का अधिकार क्षेत्र बताते हुए कहा कि वे अपने मुख्यालय के दिशा निर्देश का ही पालन करते हैं। हालांकि ब्रांच मैनेजरों ने नियमों के तहत हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

नए कार्ययोजना पर ssp नें मांगा सुझाव…

 

एसएसपी डॉ. संतोष सिंह अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ इस बैठक में मौजूद थे। एसएसपी ने बैंकों व पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करके नवीन कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया और इस पर चर्चा भी की। बैंक वालों से इस पर सुझाव भी मांगे गए। पुलिस अधिकारियों ने बैंकों की सुरक्षा के मद्देनजर अलार्म हमेशा चालू रखने, अनिवार्य रूप से गार्ड रखने, उनके हथियारों का वेरिफिकेशन कराने, फायर सिस्टम नियमित रूप से चालू रखने, बैंक के अंदर व बाहर तथा पार्किंग स्थल सहित बैंक के बाहर रोड को कवर करते हुए पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाने व चालू रखने तथा बैकअप डाटा रखने कहा।

 

बैंक कर्मियों नें बताई पीड़ा…

 

एक महिला बैंक अधिकारी ने कहा कि पुलिस द्वारा दी गई जानकारियां भेजने के कारण संबंधित अपराध में कोर्ट के नोटिस का सामना वो कर चुकी हैं। ऐसे मामलों में बैंक व पुलिस दोनों की ओर से कोई सहयोग नहीं मिलता है। इसी तरह एक अन्य अधिकारी का कहना था कि बैंक व एटीएम में गार्ड की तैनाती समेत सुरक्षा के अन्य प्रकरणों में कोई भी फैसला ब्रांच का नहीं, बल्कि मुख्यालय का होता है। वे केवल मुख्यालय के आदेश का पालन करते हैं। पुलिस अधिकारियों द्वारा एटीएम बूथ के फुटेज समेत मांगी जाने वाली जानकारियां अविलंब देने कहा गया!