Srimad Bhagwat Katha श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन 24 अवतार व समुद्र मंथन की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए भक्तगण

Srimad Bhagwat Katha

Srimad Bhagwat Katha जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी,परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा : दीपक कृष्ण महराज

 

 

 

Srimad Bhagwat Katha जैजैपुर । नवीन जिले सक्ती के जैजैपुर विकासखण्ड अंतर्गत कोटेतरा गांव के लोचन प्रसाद साहू प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन घघरा खरसिया के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं. दीपक कृष्ण जी महाराज ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है।

 

Srimad Bhagwat Katha  यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं ।समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता ।

Srimad Bhagwat Katha  देवता की जीत से जीवन में सुखी

 

महाराज श्री ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा । इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नजर रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए ।

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Srimad Bhagwat Katha  कथा के प्रारंभ में श्री भागवत भगवान का पूजन कर आरती उतारी गई और कथा सहयोगी बीच बीच में महाराज श्री ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया। कथा सुनने के लिए आस पास के लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

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