sleep talking therapy बच्चों को बेहतर बनाने स्लीप टॉकिंग थेरेपी की मदद ले सकते हैं माता-पिता

sleep talking therapy

sleep talking therapy बच्चों को बेहतर बनाने स्लीप टॉकिंग थेरेपी की मदद ले सकते हैं माता-पिता

sleep talking therapy छोटे बच्चे तेजी से बढ़ते हैं. बढ़ते समय वे अक्सर कुछ बुरी आदतें सीख जाते हैं. लेकिन माता-पिता उनको मारकर वे आदतें ठीक करने की कोशिश करते हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आप उन्हें बेहतर बनाने के लिए स्लीप टॉकिंग थेरेपी की मदद ले सकते हैं. स्लीप टॉकिंग थेरेपी में जब बच्चा सो जाता है, तो माता-पिता उससे उसके सपने में बातचीत करते हैं. जिसके बाद बच्चे में बदलाव आता है.

sleep talking therapy कुछ तरीकों को आजमाएं

पहले आप उन आदतों का पता लगाएं जिन्हें आप बदलना चाहते हैं. जैसे कि बच्चा बहुत दिनों से जि़द्दी हो गया है. अन्य बच्चों से झगड़ा करता है, अनहेल्थी खाना खाता है, पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाता है. इस थेरेपी का इस्तेमाल बच्चों के व्यवहार में कई ऐसे परिवर्तन लाने के लिए किया जा सकता है.

sleep talking therapy थेरेपी करने का समय याद रखें

इस थेरेपी को जब करें जब बच्चा गहरे नींद में हो. आप इस थेरेपी को रात को बच्चे के सोने के बाद या उसके सुबह उठने से पहले कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि आपको सोते हुए बच्चे से केवल 5 से 10 मिनट तक बातचीत करनी है.

sleep talking therapy इस थेरेपी को हर रोज करें

कम से कम 4 सप्ताह तक रोज इस थेरेपी की प्रक्रिया को दोहराएं, ताकि आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें. रोज इस तकनीक को अपनाएं, इससे बच्चा आपकी बातों पर ध्यान देगा और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन कर सकेगा. बच्चे के सोते हुए बोलने के लिए शांत और सुखद आवाज़ का उपयोग करें.

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उनसे बोलें कि वह सोते रहें. सोते हुए बच्चे के साथ नकारात्मक शब्दों का उपयोग न करें. चाहे आप उनसे कुछ उनकी नकारात्मक आदतें बदलने के लिए कह रहे हों. अपने बच्चे के साथ नकारात्मक शब्दों का उपयोग न करें. यदि आप उनसे कह रहे हैं कि वे कुछ अपनी नकारात्मक आदतें बदलें, तो भी अपने बच्चे से सकारात्मक तरीके से कहें.

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