चलता रहेगा SIR…बिहार में वोटर वेरिफिकेशन पर रोक लगाने से ‘सुप्रीम’ इंकार

क्या है पूरा मामला?

  • बिहार में मतदाता सूची की जाँच को लेकर विपक्षी दलों ने आरोप लगाए थे कि इसमें धांधली की जा रही है।
  • राज्य सरकार और चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और नकली मतदाताओं को हटाने के लिए जरूरी है।
  • मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां आज दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

  • कोर्ट ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची की समीक्षा जारी रखने की इजाजत दी।
  • साथ ही, 11 दस्तावेजों (आधार, EPIC, राशन कार्ड आदि) को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल करने का सुझाव दिया।
  • अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी, जिसमें इस प्रक्रिया की प्रगति पर चर्चा होगी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

  • विपक्ष का आरोप है कि सरकार वोटर लिस्ट में बदलाव करके चुनावी फायदा लेना चाहती है।
  • सत्तारूढ़ दल का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची को साफ़ करने के लिए जरूरी है।

आगे क्या होगा?

  • अब 28 जुलाई को कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
  • चुनाव आयोग को सत्यापन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी करनी होगी।

अधिक जानकारी के लिए बने रहें हमारे साथ।

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