नई दिल्ली: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (special Intensive Revision) को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) को राहत देते हुए फिलहाल मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग को आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र (EPIC) जैसे 11 दस्तावेजों को सत्यापन में शामिल करने का सुझाव भी दिया है।
क्या है पूरा मामला?
- बिहार में मतदाता सूची की जाँच को लेकर विपक्षी दलों ने आरोप लगाए थे कि इसमें धांधली की जा रही है।
- राज्य सरकार और चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और नकली मतदाताओं को हटाने के लिए जरूरी है।
- मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां आज दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
- कोर्ट ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची की समीक्षा जारी रखने की इजाजत दी।
- साथ ही, 11 दस्तावेजों (आधार, EPIC, राशन कार्ड आदि) को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल करने का सुझाव दिया।
- अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी, जिसमें इस प्रक्रिया की प्रगति पर चर्चा होगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- विपक्ष का आरोप है कि सरकार वोटर लिस्ट में बदलाव करके चुनावी फायदा लेना चाहती है।
- सत्तारूढ़ दल का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची को साफ़ करने के लिए जरूरी है।
आगे क्या होगा?
- अब 28 जुलाई को कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
- चुनाव आयोग को सत्यापन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी करनी होगी।
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