Sicklecell Research Center छत्तीसगढ़ में जल्द होगी राष्ट्रीय स्तर के सिकलसेल रिसर्च सेंटर की स्थापना  : मुख्यमंत्री

Sicklecell Research Center

Sicklecell Research Center सिकलसेल के विरूद्ध लड़ाई में जागरूकता सबसे बड़ी जरूरत

मुख्यमंत्री ने 28 जिलों में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्रों का किया उद्घाटन

इन केन्द्रों में सिकलसेल की निःशुल्क जांच, उपचार, दवाई एवं परामर्श की सुविधा उपलब्ध होगी

Sicklecell Research Center जगदलपुर !  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के सिकलसेल रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी।

Sicklecell Research Center मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्थापित नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्रों का उद्घाटन करते हुए यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 28 जिलों में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्र का उद्घाटन किया।

Sicklecell Research Center इसके साथ ही प्रदेश के 24 जिला अस्पतालों, नौ मेडिकल कॉलेजों तथा राजधानी रायपुर स्थित सिकलसेल संस्थान छत्तीसगढ़ में सिकलसेल की निःशुल्क जांच, उपचार और परामर्श की सुविधा उपलब्ध हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री  टी.एस.सिंहदेव भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

Sicklecell Research Center मुख्यमंत्री  बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिकलसेल एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है। इस रोग से भावी पीढ़ियों को बचाने के लिए इस रोग के प्रति जागरूकता सबसे ज्यादा आवश्यक है।

Sicklecell Research Center सिकलसेल के मरीजों की जल्द पहचान करने के बाद उचित चिकित्सकीय प्रबंधन व दवाओं से इसके शारीरिक दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है और रोगी लम्बी आयु का जीवन जी सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि रोगियों को उचित उपचार सरलता से उपलब्ध हो।

साथ ही सिकलसेल के अनुवांशिक गुण वाले व्यक्तियों की पहचान विवाह से पूर्व कर उन्हें इस पर आवश्यक परामर्श देकर इस रोग के प्रसार को भावी पीढ़ी में कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस रोग को छुपाना नहीं चाहिए। पहचान होने पर इसका अस्पताल में इलाज कराना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सिकलसेल की समस्या का प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं सभी जिला चिकित्सालयों में संचालित किए जाएंगे।

इन केन्द्रों में सिकलसेल की जांच एवं उपचार के साथ अस्पताल की प्रयोगशाला के माध्यम से साल्युबिटी टेस्ट द्वारा स्क्रीनिंग एवं इलेक्ट्रोफोरेसिस तथा नवीन विधि पॉइंट ऑफ केयर टेस्ट द्वारा पुष्टि हेतु जांच उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में संचालित सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों का लाभ प्रदेश के सिकलसेल रोगियों को मिलेगा।

Sicklecell Research Center मुख्यमंत्री ने कहा कि सिकलसेल जांच की नवीन विधि पॉइंट ऑफ केयर (POC) टेस्ट काफी आसान है। मितानिनें भी इस विधि से जांच कर सकती है। इस पद्धति से अभियान चलाकर सिकलसेल मरीजों की पहचान की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सिकलसेल से पीड़ित राजेन्द्र नगर रायपुर के सात वर्षीय बालक प्रतिक दास मानिकपुरी और गुढ़ियारी की 17 वर्षीय बालिका ओशिका रामटेके को डिजिटल कार्ड प्रदान कर सिकलसेल से पीड़ित व्यक्तियों को डिजिटल कार्ड वितरण का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने रायगढ़ के सिकलसेल प्रबंधन केन्द्र में सिकलसेल पीड़ित निशा चक्रधारी और सूरजपुर के केन्द्र में उपस्थित 12वीं की छात्रा सरगम राजवाड़े से केन्द्रों में उपलब्ध उपचार की सुविधा की जानकारी ली। इस दोनों पीड़ितों ने बताया कि उन्हें बेहतर उपचार मिल रहा है। इससे उन्हें बड़ी राहत मिली है।

स्वास्थ्य मंत्री  टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि सिकलसेल के मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसका जल्द ही शिलान्यास होगा।

उन्होंने कहा कि सिकलसेल प्रबंधन केन्द्रों में निःशुल्क जांच, उपचार और परामर्श सुविधा से पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने कार्यक्रम में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्रों की व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक किए गए सर्वे प्रदेश की दस प्रतिशत आबादी में सिकलसेल वाहक और एक प्रतिशत रोगी पाए गए हैं।

सिकलसेल प्रबंधन केन्द्रों में विशेष रूप से उपचार प्राप्त कर रहे प्रत्येक सिकलसेल रोगी की इलेक्ट्रानिक एण्ट्री सिकलसेल संस्थान के पोर्टल में कर सूची संधारित की जाएगी एवं उन्हें नियमित फॉलो-अप एवं दवा लेने हेतु संपर्क किया जाएगा।

नानगुर और दरभा में भी प्रारंभ करेंगे यह सुविधा : संसदीय सचिव  रेखचंद जैन

रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के शुभारंभ कार्यक्रम का प्रसारण महारानी अस्पताल में भी किया गया। यहां संसदीय सचिव  रेखचंद जैन, कलेक्टर श्री चंदन कुमार, सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके चतुर्वेदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। बस्तर में सिकलसेल प्रबंधन केंद्र की सौगात मिलने पर संसदीय सचिव  जैन ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नानगुर और दरभा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में सिकलसेल जैसी बीमारी से लोगों को राहत दिलाने के लिए शीघ्र ही वहां भी इसी तरह की सुविधा प्रदान की जाएगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU