Shyam Sangeet Srijan : प्रदेश के समस्त जिलों एवं विकासखण्डों में “श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्रों ” के संचालन हेतु सहायता प्रदान करने की मांग पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने ज्ञापन जारी।
Shyam Sangeet Srijan : सक्ती- श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा द्वारा दिनांक 09. 09. 2023. को राजभवन रायपुर में माननीय राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन जी से सौजन्य मुलाकात कर श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया था एवं “अमर शहीदों को नमन” नामक पुस्तक सौजन्य भेंट कर कुल तीन विषयों पर मांग पत्र आवेदन सौंपा गया था।
संगीतज्ञ- श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक एवं अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा ने बताया कि माननीय राज्यपाल के राजभवन सचिवालय द्वारा जारी ज्ञापन पृ.क्र./4844/रास/पीए (एच)/एफ 28/2023 रायपुर दिनांक – 13 सितम्बर 2023 को प्रेषित प्रतिलिपि आज दिनांक 21 सितम्बर को प्राप्त पत्र के अनुसार … प्रति, सचिव छत्तीसगढ़ शासन राजस्व विभाग, महानदी भवन मंत्रालय, नवा रायपुर, अटल नगर, जिला रायपुर (छ.ग.) के नाम पर जारी ज्ञापन में स्पष्ट निर्देशानुसार उक्त ज्ञापन पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर संबंधित आवेदक को एवं राजभवन सचिवालय को यथाशीघ्र अवगत कराने लिखा गया है।
संगीतज्ञ श्री चन्द्रा ने बताया कि उपरोक्त विषय में संस्थान द्वारा संकल्पित प्रयास जारी है प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर “श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्रों” के केन्द्र प्रभारियों को स्थानीय समिति निर्माण के बाद संगीत परीक्षा सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, जिसमें रायगढ़ से श्री उग्रसेन पटेल जी द्वारा 23 नवम्बर 2019 से ही “सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र” बोईरदादर रायगढ़ के नाम से अच्छे ढंग से संचालित हो रहा है।
Shyam Sangeet Srijan : इसी प्रकार अब रायपुर से डॉ. मनोरमा चन्द्रा, बिलासपुर से वंदना ठाकुर एवं डॉ. रश्मि लता मिश्रा, विकासखण्ड सिमगा से श्री चोवाराम वर्मा ‘बादल’, कबीरधाम से श्रीमती रवि बाला ठाकुर आदि विभिन्न स्थानों पर समिति निर्माण कार्य जारी है।
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उन्होंने आगे बताया कि “श्रीश्याम संगीत विश्वविद्यालय” के संचालन हेतु सम्पूर्ण नशामुक्त कला सदस्यों से प्रतिदिन मात्र एक-एक रूपए अंशदान के रूप में वार्षिक अंशदान सदस्यता शुल्क सहायता राशि जमा करवाए जाकर सदस्यता दी जा रही हैं। जिसका कला विकास के क्षेत्र में सदुपयोग किया जाएगा। कला संस्कृति सेवा को सच्ची राष्ट्र सेवा मानकर निस्वार्थ भाव से कला प्रेमी बन्धु जुड़ते जा रहे हैं।