Shrimad Bhagwat Katha : मां अपने आप में एकाक्षरी काव्य है जिसे समझ पाना आसान नहीं

Shrimad Bhagwat Katha :

Shrimad Bhagwat Katha श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन

Shrimad Bhagwat Katha सक्ती विकासनगर, बिलासपुर। ममतामई मां स्मृतिशेष दुलारी देवी पांडे के प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हुआ, मां की महिमा गान करते हुए व्यासपीठ से देवकृष्ण शर्मा महाराज ने कहा कि घर की चिंता मां को ही होती है जो परिवार को जोड़ कर सम्हाल कर रखती है, एक मां ही इतनी क्षमता रखती है की वह अपने संतान को कभी बोझ नहीं समझती !

Shrimad Bhagwat Katha मां अपने आप में एकाक्षरी काव्य है जिसे समझ पाना आसान नहीं है। भगवान में भी इतनी क्षमता नहीं है की वह मां को बनाएं, बल्कि सत्य तो यह है की मां भगवान को बनाया करती है, चाहे राम हो या कृष्ण मां के बिना वो बाई धरती पर नही आ सकते हैं।

कथा श्रवण करने परिवार जन, क्षेत्रवाशी अधिकाधिक संख्या में उपस्थित हुए, यज्ञ के यजमान अर्चना सनत पांडे, कावेरी महेंद्र पांडे, भुवनेश्वरी प्रदीप पांडे ने सभी सहयोगियों सहित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया, समापन अवसर पर आचार्य राजेंद्र महाराज ने भी डॉक्टर हीरा लाल शर्मा के साथ अपने आशीर्वचन दिए।

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ऐसे पावन अवसर पर यूके शर्मा, शिवम पांडे, रामस्वरूप पांडे, अमित , अतुल, अनुराग, अनुभव, किरण शर्मा, शालिनी शर्मा, पुनम शर्मा , ऋषिकांत शर्मा, विकाश शर्मा, ब्रजेश शर्मा सहित परिवार जन उपस्थित रहे।

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