Shri Ekanteshwar Mahadev Katha : मोबईल फोंस की तरह भक्तों का चार्जिंग पॉइंट्स हैं श्री एकांतेश्वर महादेव की कथा

Shri Ekanteshwar Mahadev Katha :

रमेश गुप्ता

Shri Ekanteshwar Mahadev Katha श्री एकांतेश्वर महादेव कथा का पांचवा दिन

Shri Ekanteshwar Mahadev Katha भिलाई । सिविक सेंटर जयंती स्टेडियम में एकंतेश्वर महादेव कथा के पांचवे दिन शनिवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने सम्पूर्ण समाज को सन्देश देते हुए कहा की मुख से ग्रहण किया हुआ जहर मनुष्य को तुरंत मार देता हैं, लेकिन कान से ग्रहण किया हुआ निंदा का जहर मनुष्य को प्रतिदिन मारता हैं। उन्होंने अपनी कथा में कहा की लोग कहते हैं सभी विवाद की जड़ नारी होती हैं। माँ सीता के कारण रामायण और द्रौपदी के कारण महाभारत हो गयी। दुनिया ने हमेशा माँ सीता और द्रौपदी को दोष दिया हैं लेकिन सत्य ये हैं की नारी के अपमान के कारण महाभारत और रामायण हुई हैं और जब-जब नारी का अपमान होगा तब-तब महाभारत और रामायण होती रहेगी। मनुष्य के जीवन में गृहक्लेश का भी प्रमुख कारण नारी का अपमान ही हैं।

भीड़ बढ़ाने के लिए नही, भक्ति बढ़ाने के लिए कथा में सम्मिलित हों

Bilaspur : अतिक्रमण कार्यवाही पर जमकर हंगामा, पत्थर और ईंट से हमले की कोशिश, देखिये VIdeo

पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा सुनने आये श्रद्धालुओं से कहा कथा में भीड़ बढ़ाने नहीं, भक्ति बढ़ाने आना चाहिए। पूर्ण श्रद्धा के साथ कथा श्रवण करनी चाहिए। जिस प्रकार मोबाईल, टेलीविज़न और बैंक की सेवा प्राप्त करने के लिए बैलेंस रिचार्ज करवाना एवं बैलेंस चेक करवाना जरुरी होता हैं वैसे ही जीवन का आनंद लेने के लिए भक्ति का बैलेंस भी चेक करते रहना चाहिये और समय-समय पर बैलेंस रिचार्ज करवाते रहना चाहिए। अगर भक्ति का बैलेंस खत्म हो जायेगा तो परेशानियों का मैसेज आने लगेगा जैसे मोबाइल का रिचार्ज खत्म होने पर मोबाइल कंपनी के मैसेज आने लगता हैं। भिलाई के एक इलेक्ट्रिक दुकान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा की दूरदराज से आये श्रद्धालुओं के मोबईल फोंस के बैटरी चार्ज करने के लिए उसने चार्जिंग पॉइंट्स बनाये हैं ठीक उसी प्रकार ये कथा भक्तों का चार्जिंग पॉइंट्स हैं।

संगत का महत्त्व

मनुष्य जीवन में संगत का महत्व बताते हुए प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा की मनुष्य को सदा अच्छे लोगों की संगत में रहना चाहिए। भक्ति, सेवा, समर्पण करने वालों के साथ रहना चाहिए और निंदा, पाप करने वालों से सदैव दूरी बनाकर रखनी चाहिए। रावण के पास धन, संपदा, वैभव, वंश, सत्ता, सोने की लंका, विशाल सेना सब थी लेकिन उसका विनाश हो गया क्योंकि उसके पास अच्छी संगत नही थी। अच्छे और सद्कर्म कर्म वालों के महत्त्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा की भोजन की पंगत भले छूट जाए लेकिन अच्छे लोगों की संगत नही छूटनी चाहिए।

लोग कहते हैं ये महिलायें ही ज्यादातर कथा में क्यों जाती हैं|

पंडित मिश्रा ने अपनी कथा में लोगों के इस सवाल का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा की पिता का कर्तव्य संतान के लिए रोटी, शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य देना हैं जबकि माँ का कर्तव्य संतान को संस्कार देना हैं। महिलायें कथा में आती हैं और अच्छे संस्कार यहाँ से लेकर अपने संतान को देती हैं।

शिव और शिवभक्त की कभी निंदा नही करनी चाहिए

अपनी कथा में उन्होंने बताया की पुराणों में लिखा हैं शिव और शिवभक्त की निंदा भूलवश भी नही करनी चाहिए। शिव निंदा के कारण ताड़का का पूरा परिवार नष्ट हो गया। अगर कोई अति सुंदर हैं अच्छे कपड़ों में हैं लेकिन वो दिन भर निंदा करता हैं तो वो कभी खुश नही रह सकता। जीवन में कर्म का महत्व होता हैं। शिवपुराण की कथा कहती हैं अपने वाणी से अपने कर्म से कभी किसी को दुःख नही पहुँचाना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU