Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

Shocking : नई दिल्ली। दुनिया में कई अजीबोगरीब जगहें हैं, जिनके बारे में कई तरह की अफवाहें उड़ती हैं। देश-दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में भूतिया होने का दावा किया जाता है।

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Shocking :ऐसा जहां जीवन का नाम ही लोगों के रूह को झकझोर कर रख देता है। इस दुनिया में एक ऐसी जगह है, जिसे हर कोई देखना चाहता है, लेकिन यहां कोई नहीं जा सकता।

Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा
Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

वैसे तो दुनिया में कई खूबसूरत आइलैंड हैं, जहां साल के 12 महीने पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन आज हम एक ऐसे आइलैंड के बारे में बात करेंगे जहां आप चाहकर भी नहीं जा सकते।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इस देश की सरकार खुद मानती है कि यह द्वीप बहुत ही खतरनाक है और यहां असाधारण गतिविधियां महसूस की जाती हैं। यह द्वीप इटली में है और इसका नाम पोवेग्लिया द्वीप है। इटली सरकार ने इस द्वीप पर यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दरअसल, पोवेग्लिया द्वीप को मौत का द्वीप भी कहा जाता है। यह द्वीप वेनिस और इटली के लीडो शहर के बीच वेनिस की खाड़ी में स्थित है, जो एक छोटी नहर द्वारा दो भागों में विभाजित है। किसी जमाने में यह खूबसूरत द्वीप लोगों के घूमने का पसंदीदा पर्यटन स्थल हुआ करता था।

इस बीमारी ने कहर बरपाया था

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस द्वीप में लोग एक बड़ी आबादी में रहते थे, लेकिन अचानक सब कुछ नष्ट हो गया। लेकिन क्यों? पोवेग्लिया द्वीप के रहस्यों को उजागर करने के लिए यहां जाने वालों में से ज्यादातर कभी नहीं लौटे।

Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा
Shocking : 1.60 लाख लोग एक साथ जिंदा जलाए गए, वजह जानकर कांप उठेंगी, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

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दरअसल, कहा जाता है कि 16वीं सदी में इटली में प्लेग नाम की बीमारी बहुत तेजी से फैल रही थी, जिससे इटली में कई लोग या तो इस बीमारी से मर रहे थे या मरने की कगार पर पहुंच गए थे. . पूरे यूरोप में इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा इटली शहर में ही था।

इस आइलैंड को बनाया गया क्वारंटाइन स्टेशन

कहा जाता है कि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैल रहा था, इसलिए इटली सरकार ने प्लेग से पीड़ित सभी रोगियों को पोवेग्लिया द्वीप में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।

चूंकि यह एक अलग द्वीप था, इसलिए इस जगह का इस्तेमाल प्लेग क्वारंटाइन स्टेशन के रूप में किया जाता था। इतना ही नहीं इस बीमारी से मरने वाले लोगों को इस आइलैंड पर दफनाया गया था।

घर वापस जाने का मौका नहीं मिला

यह देखकर इस द्वीप का हर स्थान बीमार लोगों से भर गया और एक समय ऐसा भी आया कि यहां लाखों मरीज रहने लगे। क्वारंटाइन स्टेशन होने के कारण यहां अधिकतम 40 दिनों तक बीमार लोगों को रखा गया था।

लेकिन हालात इतने खराब थे कि जिसे एक बार इस द्वीप पर लाया गया उसे यहां से घर वापस जाने का मौका ही नहीं मिला.

1 लाख 60 हजार लोग जिंदा जलाए गए

एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यहां बढ़ रहे बीमार लोगों की संख्या को कम करने के लिए इस द्वीप पर एक साथ करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था.

प्लेग के विनाशकारी तांडव के कुछ ही समय बाद, काला बुखार नामक बीमारी ने एक बार फिर इस देश पर दस्तक दी और एक बार फिर इटली को एक लाइलाज बीमारी से जूझना पड़ा।

प्लेग की तरह इटली में भी काले बुखार का कोई इलाज नहीं था। इस बीमारी के कारण कई लोगों की मौत हो गई, जिसके कारण इस बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों को पोवेग्लिया द्वीप लाया गया और वैसे ही छोड़ दिया गया। इससे वह जगह धरती पर नर्क जैसी हो गई थी।

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