Shivmahapuran : सारा विश्व में भगवान शिव समाहित है, कण -कण में बसे है शंकर

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Shivmahapuran : प्रत्येक जीव के हृदय में आत्मा रूप से परमात्मा विराजमान है :- पुष्पांजलि दीदी

Shivmahapuran : महा प्रसादी भंडारा व रात्रि 10 बजे संगीतमय जगराता से आयोजन का होगा समापन

Shivmahapuran : बेरला !  शिवमहापुराण के विराट सत्संग सभा को संबोधित करते हुए मानस पुत्री दीदी पुष्पांजलि जी ने कहा, सारा विश्व ही भगवान शिव का स्वरूप है, कंकड़ कंकड़ शंकर है । वो अनेक में एक है, एक अनेक में है । प्रत्येक जीव के हृदय में आत्मा रूप से परमात्मा विराजमान है । आत्म स्वरूप का अज्ञान ही बंधन का कारण है एवं आत्मबोध ही एकमात्र मोक्ष का साधन है।

Shivmahapuran : उन्होंने कहा पाप का नाश दो तरह से होता है, भोगने से अथवा तपस्या से । सामान्य पुरुष भोग से पापों को नष्ट करते हैं, महापुरुष तपस्या से पाप का क्षय कर लेते है, इसलिए वे शांत और वीतराग होते हैं ।मुमुक्षा भी ऐसे लोगों में जागृत होती है। सभी जगह व्याप्त परमात्मा दिखाई क्यों नहीं देते, जिनका मन रूपी मुकर मलिन है।

Shivmahapuran : विवेक रूपी नेत्र जिनके खुले नहीं है वे दीन शिव रूप को कैसे देख सकते हैं। श्री रुद्र महायज्ञ और शिवमहापुराण कथा का कल विराम दिवस पर महा प्रसादी भंडारा कार्यक्रम रखा गया है । रात्रि 10 बजे संगीतमय जगराता का कार्यक्रम रखा गया है । आयोजक योगेश तिवारी ने जानकारी दी ।

श्रीराम ने सबको अपनाया और रावण ने सबको ठुकराया

पुष्पांजलि दीदी ने कहा कि जिस समय प्रभु श्रीराम ने सेतुबंध रामेश्वर में शिवमूर्ति की स्थापना के लिए किसी शिवभक्त महा पंडित की आवश्यकता थी,  जब राम जैसा राजा यजमान हो तो पंडित भी बड़ा चाहिए, उस समय रावण से बड़ा शिवभक्त एवं पंडित नहीं था। जामवंत प्रभु राम का संदेश ले कर रावण दरबार में गये और बोले भगवान श्रीराम लंका विजय के भगवान शिव रामेश्वर की स्थापना में आपको आचार्य बनाना चाहते है ।

रावण ने आचार्यत्व स्वीकार कर स्थापना कराई थी ।  राम ने रावण के चरण स्पर्श किए, रावण विजय का आशीर्वाद दिया एवं जब लंकाधिपति अंतिम सांस ले सांस रहे थे । प्रभु श्रीराम ने रावण से कहा संसार को कुछ उपदेश करते जाओ, रावण ने कहा प्रभु हमारी पराजय का कारण हमारा भाई बना, आपकी विजय का आपका भाई लक्ष्मण आपके साथ थे।

किसी भी युग में भाई हमारे जैसी गलती नहीं करे। रावण ने अपने भाई विभीषण को लंका से निकाल दिया, श्रीराम ने सब को अपनाया, रावण ने सब को ठुकराया, इसलिए उसकी चिता में अग्नि देने वाला नहीं बचा, जो विषयों से विरक्त है वो मुक्त है तृष्णा के क्षय होने से स्वर्ग जैसे आनंद का अनुभव होने लगता है ।

महापुराण का समापन आज

नगर में यज्ञानुष्ठान व शिव कथा संपन्नता की ओर है। सुबह से रुद्र महायज्ञ का अनुष्ठान का कार्यक्रम शुरू हो जाता है और दोपहर दो बजे महा शिवपुराण कथा का आयोजन होता है । शाम 6 बजे कथा के समापन मे आयोजनकर्ता किसान नेता योगेश तिवारी एवं कल्पना तिवारी ने आरती उतारी ।

Shivmahapuran : कलकत्ता से आए कलाकार श्रद्धालुओं का मन मोह रहे । इस दौरान ज्ञानेश शर्मा अध्यक्ष योग आयोग, पूर्व विधायक इस दौरान अवधेश चन्देल, डीपी तिवारी, एमएल पांडे, योगेन्द्र शुक्ला, उमाकान्त तिवारी, संतोष राजपूत, पन्नालाल तिवारी, गिरीश गबेल, मनीषा गबेल समेत हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे ।

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