Shakti Baradwar : डुमरपारा में गिट्टी का अवैध भंडारण…
Shakti Baradwar : डुमरपारा में गिट्टी का किया अवैध भंडारण दस हजार टन की लीज और एक लाख टन से अधिक गिट्टी भंडारण
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Shakti Baradwar : सक्ती/ बाराद्वार तहसील अंर्तगत मिट्टी और मुरुम के अवैध उत्खनन अवैध गिट्टी भंडारण रेट भंडारण कर शासन को लगाया जा रहा है करोड़ों का चूना खनिज विभाग अधिकारियों को शिकायत के बाद भी नहीं कर रहे कार्यवाही इससे प्रतीत होता है कि उनकी जानकारी में यह सारे अवैध भंडारण हो रहे
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हैं शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 21/7/23 को खनिज शाखा जांजगीर सक्ती जिला कलेक्टर 21/7/23 को लिखित शिकायत की गई थी उसके बाद भी भंडारण करने वाले पर खनीज शाखा एवं कलेक्टर ने कार्यवाही नहीं की जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा पुनः 2/8/23 शक्ति जिला कलेक्टर
कार्यालय पहुंचकर जनदर्शन में उसके द्वारा शिकायत की गई शिकायतकर्ता द्वारा अपने आवेदन में बताया गया है कि गिरधर गुप्ता द्वारा 10 मेट्रिक टन गिट्टी भंडारण का अनुमति प्राप्त किया गया है और उसके द्वारा लगभग 1लाख मैट्रिक टन के आसपास भंडारण किया गया जिसकी लिखित शिकायत
मेरे द्वारा की गई है और स्वयं मौके का फोटो वीडियो भी खनिज अधिकारियों को दिखाया गया है अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम पर लीपापोती की जा रही है मैंने अपने शिकायत में कहा था उक्त भंडारण का भौतिक सत्यापन मेरे समक्ष कराई जाए परंतु अब तक ना किसी प्रकार की जांच हुई
इससे प्रतीत होता है कि खनीज शाखा द्वारा भंडारण करने वाले को समय दिया जा रहा है ताकि भंडारा वहां से हटा सकें खनिज विभाग अपने कार्य को किस तरह से निभा रहा देखा जा सकता है शासन को इनके चलते करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है अगर समय रहते खनिज अधिकारियों के द्वारा
मौके के भंडारण का भौतिक सत्यापन नहीं किया जाता है तो शासन को करोड़ों रुपए का चूना लग सकता है आपको बता दें कि अब गिट्टी के बेजा उत्खनन का मामला एक बार फिर विभागीय अफसरों की सक्रियता पर दाग लगा रहा है।
एक क्रेशर मालिक खम्हरिया से उत्खनन कर खंडार करने में लगे हुए खनिज माफिया उत्खनन कर डुमरपारा सहित अनेक जगहों पर पहाड़ नुमा गिट्टी का भंडारण किया जा रहा है और गिरधर गुप्ता के द्वारा जो लीज ली गई है वह मात्र 10000 मेट्रिक गिट्टी के नाम पर ली गई लीज की जमीन से
बाहर किए जा रहे खनन एवं भंडारण को लेकर अब तक खनिज शाखा एवं कलेक्टर द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। वहीं दूसरी ओर व्यापक पैमाने पर गिट्टी का अवैध भंडारण करने का मामला अनेकों जगह से अब प्रकाश में आया है।
20 एमएम साइज की गिट्टी डुमरपारा एक बड़े भूभाग में भंडारित की गई है। शासन के नियमानुसार गिट्टी का भंडारण करने के लिए अनुज्ञा की आवश्यकता होती है और लिया भी है लेकिन दस हजार टन की अनुज्ञा लिया गया और लगभग एक लाख टन से अधिक का गिट्टी भंडारण किया गया
है जिस जमीन पर भंडारण किया है उस जमीन का परिवर्तन भी सुनिश्चित किया जाता है, लेकिन शासन और प्रशासन के ढुलमुल रवैए से निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। वास्तव में क्रेशर मालिक के मातहत होकर खनिज विभाग काम कर रहा है और कायदे कानून ताक पर हैं।
खेत की निदाई के सौ मीटर दायरे में उत्खनन और धमाके
खनिज अधिनियम के अनुसार छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह तय किया है कि स्कूल, बांध, नदी, तालाब और मंदिर परिसर के सौ मीटर दायरे के भीतर किसी भी प्रकार का उत्खनन या औद्योगिक कार्य नहीं किया जाना है। इन स्थानों के लिए वैध लाइसेंस देने की भी मनाही है।
बावजूद इसके अभी किसानों की खेत मे निदाई और रोपाई का कार्य चल रहा है जिसमे किसानों खेत मे रहते है उसके बावजूद बारूदी विस्फोट किए जा रहे हैं।
यह विस्फोट पत्थरों के उत्खनन के लिए किया जा रहा है। अवैध भंडारण पर भी खनिज विभाग मौन है। जो समझ से परे हुए है।