Shaheed Deepak शहीद दीपक भारद्वाज के परिजनों को दीपावली की बधाई देने पहुंचे पुलिस अधीक्षक एम आर आहिरे

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Shaheed Deepak 24 जवानों के शहीद होने की खबर मिली थी

Shaheed Deepak सक्ती मालखरौदा। नवीन जिला सक्ती के प्रथम पुलिस अधीक्षक एम. आर. आहिरे आज दिनांक 22 अक्टूबर 2022 को दीपावली की बधाई एवं प्रशासन की ओर से शहिद परिजन के हाल चाल जानने एक शुभचिंतक के रूप में शहीद दीपक भारद्वाज के गृह ग्राम पिहरिद पहुंचे हुए बता दें कि दिनांक 3 अप्रेल 2021 को बीजापुर के तररेम थाना क्षेत्र में नक्सली हमले में नक्सलियों से लोहा लेते हुए सब इंस्पेक्टर शाहिद दीपक भारद्वाज ने शहादत को प्राप्त कर लिए थे।

Shaheed Deepak  शहादत की पूरी कहानी इस तरह थी कि बीजापुर के तर्रेम में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच शनिवार 3 अप्रैल 2021 को हुई थी मुठभेड़ जहां 24 जवानों के शहीद होने की खबर मिली थी !

Shaheed Deepak  इनमें एक SI और CRPF के इंस्पेक्टर भी शामिल थे। बस्तर के बीजापुर में 3 अप्रैल 2021 को नक्सलियों ने CRPF और पुलिस के 700 जवानों को घेरकर हमला कर दिया। इनमें छत्तीसगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर दीपक और उनकी टीम भी शामिल थी। दीपक खुद की फिक्र किए बिना अपने साथियों को फायरिंग से सुरक्षित निकालने में जुट गए। इसी दौरान उनके करीब एक ब्लास्ट हुआ और वह शहीद हो गए।

Shaheed Deepak  2013 में पुलिस में भर्ती हुए थे दीपक भारद्वाज


Shaheed Deepak  हैवी फायरिंग और नक्सलियों से घिरे होने के बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस के सब इंस्पेक्टर दीपक का साहस उनके साथ रहा। वे बहादुरी से लड़ते हुए जवानों की मदद करते रहे। दीपक जांजगीर जिले के पिहरीद के रहने वाले थे। वह पहले भी नक्सलियों की मांद में घुसकर उनके खिलाफ कई ऑपरेशन कर चुके थे।

Shaheed Deepak  6 सितंबर 1990 को जन्मे दीपक ने 16 सितंबर 2013 को पुलिस फोर्स ज्वॉइन की थी। उनकी तैनाती बीजापुर में थी। वह नक्सलियों के जमावड़े के इनपुट पर तर्रेम के अंदरूनी इलाके में सर्चिंग पर साथी जवानों के साथ निकले थे।

पिता बेटे को ढूंढते रहे, दूर गांव में मिला था शव

नक्सलियों से मुठभेड़ में दीपक अपनी टीम को लीड कर रहे थे। फायरिंग के बाद जवान लौटे तो पता चला कि दीपक समेत कुछ साथी लापता हैं। दीपक के घरवालों को भी यह जानकारी दी गई। उनके पिता राधेलाल भारद्वाज और मां परमेश्वरी तुरंत बीजापुर के लिए रवाना हो गए। दोपहर तक दीपक का कुछ पता नहीं चला। बैकअप टीप तर्रेम थाना क्षेत्र के जीवनागुड़ा इलाके में पहुंची तो दूर एक पेड़ के पास दीपक का शव मिला।

पढ़ाई में होशियार थे, मैदान में सबसे आगे

दीपक के साथ मोर्चे पर तैनात रहे जवानों ने बताया जंगल के मुश्किल हालात में रहने के बाद भी हमने हमेशा दीपक को हंसते-मुस्कुराते देखा। कई बार सर्चिंग के दौरान मीलों पैदल चलने के दौरान दीपक गाने गाकर माहौल को हल्का कर देते थे।

स्कूल के समय में वह होशियार स्टूडेंट रहे। उन्होंने छठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय मल्हार से की थी। उनके साथ पढ़े राहुल भारद्वाज ने बताया कि दीपक का फोकस खेल और सिंगिंग पर भी था। वह बास्केट बॉल के अच्छे खिलाड़ी थे। उन्होंने स्कूल स्तर पर नेशनल लेवल की प्रतियोगिता खेली थी। 2019 में दीपक की शादी हुई थी।

श्रीफल, साल एवं मिठाई देकर परिजनों को एसपी ने दी बधाई

22 अक्टूबर को दीपावली को बधाई देने पहुंचे पुलिस अधीक्षक द्वारा शहीद दीपक भारद्वाज के परिजनो को श्रीफल, साल, और मिठाई के साथ प्रशासन की ओर से शुभकामनाएं संदेश प्रदान किया गया जहाँ नवीन जिला सक्ति के प्रथम पुलिस अधीक्षक एम आर आहिरे के साथ मालखरौदा थाना प्रभारी प्रवीण राजपूत एवं मालखरौदा थाना के स्टापगण उपस्थित रहे।

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