Satrenga tour पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र साबित होगा सतरेंगा, मिलेगी दुलर्भ वन्यजीवों की झलक

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Satrenga tour सतरेंगा में सैलानियों को एक ही छत के नीचे मिलेगी दुलर्भ वन्यजीवों की झलक

 

Satrenga tour कोरबा। आसमान की ऊंचाइयों के नीचे दूर तक फैले सतरेंगा के नीले पानी का समुद्री नजारा पहले ही पर्यटकों का दिल जीत चुका है। अपने मनोहारी वादियों के लिए प्रसिद्ध इस स्थल में खूबियां बढ़ाने की तैयारी चल रही है। सतरेंगा की सैर पर आने वाले सैलानियों को जल्द ही ऐसे दुर्लभ वन्य जीवों की झलक भी मिलेगी, जो आम तौर पर हमारी दुनिया से ओझल रहते हैं। सतरेंगा में इन वन्य प्राणियों का ऐसा बसेरा बनाया जाएगा, जो पर्यटन और अध्ययन की दृष्टि से प्रदेश में आकर्षण का प्रमुख केंद्र साबित होगा।

Satrenga tour इस दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए वन विभाग ने एक प्रपोजल भी मुख्यालय भेज दिया है। कोरबा वनमंडल के डीएफआई अरविंद पीएम के निर्देश पर एसडीओ आशीष खेलवार और बालको वन परिक्षेत्र अधिकारी जयंत सरकार ने संतरेंगा में एक ही कैंपस में विभिन्न वन्य प्राणियों की जानकारियां उपलब्ध कराने एक विशेष कार्ययोजना तैयार की है। इसमें इस बात पर फोकस किया जा रहा है कि सतरेंगा आने वाले पर्यटकों को इन बातों की जानकारी मिल सके कि कोरबा वनमंडल में कौन-कौन से जीव पाए जाते हैं।

 

उनकी विशेषता क्या-क्या है। इस तरह यहां आने वाले पर्यटकों को कोरबा के जंगल और वन्य प्राणियों की बखूबी जानकारी मिल सकेगी। फिलहाल बालको वन परिक्षेत्र अधिकारी ने एक प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया है। इस पर स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। देश के विभिन्न राज्यों और प्रदेश के विभिन्न जिलों से यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक के लिए पहुंचते हैं। योजना के धरातल पर आने से इस पर्यटन केंद्र में कोरबा वनमंडल में पाए जाने वाले छोटे से लेकर बड़े जीवों की झलक सैलानियों को एक ही जगह पर मिल सकेगी, जिसके लिए वन विभाग ने प्रयास शुरू कर दिया है।

Satrenga tour  वन, वन्य प्राणी और वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से वैज्ञानिकों ने भी यह माना है कि कोरबा के जंगल और जैव विविधता काफी दुर्लभ है। समय समय पर यहां ऐसे वन्य प्राणियों और वनस्पतियों को देखा गया, जिनके यहां होने की कल्पना नहीं की जा सकती थी। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में कोरबा ही ऐसा इलाका है, जहां किंग कोबरा, उडन गिलहरी, ऊदबिलाव और पैंगोलिन जैसे विलुप्त प्रजाति के जीव, खोबसूरत तितलियां जैसे अन्य प्राणियों की मौजूदगी है। बस्तर में पाए जाने वाले हॉर्नबिल नामक पक्षी भी लेमरू और बालको रेंज में देखे गए हैं।

Satrenga tour  सतरेंगा पर्यटन केंद्र बांगो डुबान का पूरा इलाका है। मिलों फैली इस विशाल जल राशि के चारों ओर हरे भरे जंगल हैं, जो इस क्षेत्र को हरे नीले झील की खूबसूरत छटा प्रदान करता है। पहले ही इसे संवारने के लिए राज्य सरकार ने पहल की है और अब सतरेंगा पर्यटन केंद्र ने छत्तीसगढ़ के मानचित्र में अलग स्थान बना लिया है।

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हर साल इस केंद्र में पिकनिक मनाने के लिए और हरे भरे वादियों के नजारे को कैद करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इन सभी वन्य प्राणियों के बारे में विभाग एक ही छत के नीचे लोगों को सारी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी, ताकि पर्यटकों की संख्या और बढ़ सके।

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