Sarapali block education department : संयुक्त संचालक द्वारा कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुसंशा की गई
Sarapali block education department : सरायपाली ! शासकीय राशियों का सरकारी अधिकारियों द्वारा किस तरह बंदरबाट कर राशियों व निर्माण कार्यो में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार व अनियमितता की जाती है डिस्कस ताजा उदाहरण सरायपाली ब्लाक शिक्षा विभाग में देखा जा सकता है । शासकीय आदेशों की किस तरह धज्जियाँ उड़ाई जाती है यह भी जांच में सही पाया गया । यहां तक कि विभिन्न चिन्हांकित जरूरी शालाओं के भवनों में लघु मरम्मत कराया जाना था वहां न कराकर ठीक इसके विपरीत बीईओ द्वारा निर्भय होकर व बेखोफ होकर दूसरे शाला भवनों में अपने रुचि को ध्यान में रखते हुए कार्य कराया गया । इसकी जब उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत की गई तब शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा 3 अधिकारियों की एक जांच समिति बनाई गई । इस जांच समिति द्वारा जांच के बाद शिकायत संहि पैये जाने का प्रतिवेदन दिए जाने के बाद विभागीय अधिकारी द्वारा बीईओ प्रकाश चंद्र मांझी के खिलाफ कथिर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का आदेश पारित किया गया ।
3 सदस्यीय जांच अधिकारियों ने शिकायत को पाया सही
इस संबंध में शिकायतकर्ता विनोद कुमार दास ने जानकारी देते हुवे बताया कि सरायपाली बीईओ द्वारा शासन/विभाग से प्राप्त लघु मरम्मत की स्वीकृत राशि में अनियमितता एवं गडबडी किये जाने की लिखित साक्ष्य सहित शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्वार्थ कोमल परदेशी (आइएएस) को शिकायत की गई थी । जिसमें संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर ने जांच का आदेश दिया। 3 सदस्यीय जांचकर्ता अधिकारियो ने जांच में शिकायत सही पाया। प्रकाशचन्द्र मांझी बीईओ सरायपाली के विरूद्व कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा संभागीय संयुक्त संचालक ने लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा पत्र क्रमांक सतर्कता/एफ 292/msd/जांच प्रतिवेदन / 2024/ 3021/रायपुर दिनांक 22/8/24 को करते हुवे जांच प्रतिवेदन व अन्य दस्तावेजो के 86 पृष्टों के साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु संचालक लोक शिक्षण संचनालय को भेज दिया गया है ।
इस संबंध में मिली विस्तृत जानकारी के अनुसार बीईओ कार्यालय सरायपाली को वर्ष 2021-22 में जिला प्रशासन से 2 बार क्रमश 8,87,268/- व 8,87,274/- रूपये कुल 1,77,4542 रुपये की राशि प्राप्त हुई थी । जिसे प्राप्त स्वीकृत राशि को चिन्हाकिंत सूचीबद्व स्कूलो को ही आबंटन किया जाना था। जिससे वे शाला का लघु मरम्मत कार्य करवा सके। लेकिन बीईओ ने उक्त राशि को जिन स्कूलो का नाम डीईओ कार्यालय महासमुन्द से जारी की गई स्वीकृत सूची में नही है, उसको जबरन प्रदाय करके राशि का बन्दरबाट कर अनियमितता की गई ।
इस मामले की शिकायत 30 जनवरी 2024 को सचिव स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन एवं संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर में की गई ।। संभागीय संयुक्त संचालक के आदेश से जिला स्तरीय तीन सदस्यीय दल नियुक्त करके जांच का आदेश दिया गया।
पूर्व में अपात्र होने के बावजूद बीईओ बनाने की जांच चल रही है
जांचकर्ता अधिकारीगण एम.जी. सतीश नायर, एन.के. सिन्हा, एस.जे. कुरैशी ने जांच में पाया कि प्रकाशचन्द्र मांझी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा लघुमरम्मत के लिए स्वीकृत राशि का अनियमित व्यय किया गया है, जो कि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
जांचकर्ता अधिकारियो के अभिमत सहित प्रतिवेदन प्राप्त करने के उपरान्त संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर ने प्रकाशचन्द्र मांझी के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा की है ।
Sarapali block education department : ज्ञातव्य हो कि सरायपाली बीईओ का पद हमेशा से ही विवादास्पद रहा है । इसके पूर्व भी वर्तमान बीईओ प्रकाशचंद्र मांझी के खिलाफ एक शिकायत पर पहले से ही जांच चल रही है । उनके बीईओ पद को लेकर पूर्व में भी अपात्र होने के बावजूद 2021 से पद पर बने रहने व संस्कृत विषय के व्याख्याता होने के बाद भी नियम विरुद्ध बीईओ बनाये जाने की जांच चल ही रही है । उसके बाद पुनः लाखो रुपये के कार्य नियम विरुद्ध किये जाने की शिकायत पर कार्यवाही चल रही है ।