Sanjeev Kumar in Bollywood : दमदार अभिनय से संजीव कुमार ने दर्शकों के दिलों में बनायी विशिष्ट पहचान

Sanjeev Kumar in Bollywood :

Sanjeev Kumar in Bollywood  :  पुण्यतिथि 06 नवंबर के अवसर पर

Sanjeev Kumar in Bollywood :  मुंबई ! बॉलीवुड में संजीव कुमार को ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलो मे खास पहचान बनायी।

मुंबई में 09 जुलाई 1938 को एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में जन्में संजीव कुमार बचपन से ही फिल्मों में नायक बनने का सपना देखा करते थे। इस सपने को पूरा करने के लिये उन्होंने फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। वर्ष 1962 में राजश्री प्रोडक्शन की निर्मित फिल्म “आरती” के लिये उन्होंने स्क्रीन टेस्ट दिया, जिसमें वह पास नहीं हो सके। संजीव कुमार को सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में उन्हें 1965 में प्रदर्शित फिल्म “निशान” में काम करने का मौका मिला।

Sanjeev Kumar in Bollywood :  वर्ष 1960 से 1968 तक संजीव कुमार फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। फिल्म “हम हिंदुस्तानी” के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने स्मगलर पति-पत्नी, हुस्न और इश्क, बादल, नौनिहाल और गुनहगार जैसी कई बी ग्रेड फिल्मों मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुयी ।

वर्ष 1968 मे प्रदर्शित फिल्म “शिकार” में संजीव कुमार पुलिस ऑफिसर की भूमिका में दिखाई दिये। यह फिल्म पूरी तरह अभिनेता धर्मेन्द्र पर केन्द्रित थी फिर भी संजीव अपने अभिनय की छाप छोड़ने में वह कामयाब रहे। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म खिलौना की जबरदस्त कामयाबी के बाद संजीव कुमार ने नायक के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1970 में ही प्रदर्शित फिल्म “दस्तक” में लाजवाब अभिनय के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Sanjeev Kumar in Bollywood :  वर्ष 1972 मे प्रदर्शित फिल्म “कोशिश” में उनके अभिनय का नया आयाम दर्शकों को देखने को मिला। इस फिल्म में गूंगे की भूमिका निभाना किसी भी अभिनेता के लिये बहुत बड़ी चुनौती थी। बगैर संवाद बोले सिर्फ आंखों और चेहरे के भाव से दर्शकों को सब कुछ बता देना संजीव कुमार की अभिनय प्रतिभा का ऐसा उदाहरण था, जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये। इस फिल्म में उनके लाजवाब अभिनय के लिये उन्हें दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।

अभिनय में एकरूपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिये संजीव कुमार ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया।इस क्रम में 1975 में प्रदर्शित रमेश सिप्पी की सुपरहिट फिल्म “शोले” में वह फिल्म अभिनेत्री जया भादुडी के ससुर की भूमिका निभाने से भी नहीं हिचके।

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हालांकि संजीव कुमार ने फिल्म शोले के पहले जया भादुड़ी के साथ कोशिश और अनामिका में नायक की भूमिका निभायी थी।संजीव कुमार दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये है। अपने दमदार अभिनय से दर्शकों में खास पहचान बनाने वाला यह अजीम कलाकार 06 नवंबर 1985 को इस दुनिया को अलविदा कह गया।

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