Road Accident in Chhattisgarh : हाइवे पर हाय – हाय , कितनों के टूटे हाथ -पांव कितनों की गई जान … जरूर जानें
हाइवे पर हाय- हाय
Road Accident in Chhattisgarh :राज्य की काली सड़कें किस तरह से लोगों का खून पी रही हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है
Also read :Hummer Tricolor Selfie Zone : पहली बार पुलिस ने बनाया हमर तिरंगा सेल्फी जोन, देखिये Video
कि साल 2022 में जनवरी से जुलाई के बीच कुल 7 हजार 9 सौ 97 सड़क हादसे हुए। इसमें कुल 3 हजार 4 सौ 67 लोगोें की जान गई।
7 हजार 251 लोगों ने हाथ पैर तुड़वाए। अब अगर इसकी तुलना पिछले साल से करें तो इस साल सड़क हादसे 12.02 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
तो वहीं रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में भी साढ़े पांच फीसदी का ईजाफा हुआ है। यातायात पुलिस के सर्वेक्षण पर अगर यकीन किया जाए तो जितनी भी मौतें हुई हैं।
उनमें से 34 प्रतिशत मौतें सिर्फ 4 जिलों में हुई हैं। तो वहीं बाकी की 66 प्रतिशत मौतें राज्य के शेष बचे 29 जिलों में हुई बताई जा रही हैं।
पूरे राज्य में 108 ब्लैकस्पॉट हैं। ज्यादातर हादसे ऐसे ही प्वाइंट्स पर होते हैं। हाइवे पर अक्सर आपको हाय-हाय सुनने को मिल ही जाएगी।
छत्तीसगढ़ में होने वाले ज्यादातर सड़क हादसों के पीछे मालवाहनों की ज्यादा आवाजाही। मालवाहक वाहनों में ठंूस-ठूंसकर सवारियां ढोना। शराब पीकर वाहन चलाना।
लिंक मार्गों से अचानक तेज रफ्तार वाहनों का हाइवे पर प्रकट होना। कम उम्र के बच्चों के हाथों में नए वाहन थमाना। सीट बेल्ट, हेलमेट साइड इंडिकेटर और ट्रैफिक सिग्नल्स की अनदेखी करना।
ये तमाम वे कारण हैं जो राज्य में बढ़ते हुए हादसों के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा तमाम आरटीओ कार्यालयों के बाहर जमें दलाल कमाई की लालच में रेवड़ियों की तरह ड्राइविंग लाइसेंस बांट रहे हैं।
इनकी भी ऐसे हादसों में खासी भूमिका रहती है। इन सड़क हादसों की वजह से ही महानगर से लेकर गांवों तक दिव्यांगों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। असमय ही बच्चे अनाथ होते जा रहे हैं।
किसी भी घर का कमाने वाला सदस्य अगर सड़क हादसे में मारा जाता है, तो उस परिवार पर क्या बीतती है ? इसका आभास तो उसी को होता है, जिसने किसी अपने को खोया हो। दर्द तो वो भी समझता है
जिसका इकलौता बेटा सड़क हादसे में घायल होकर अपने हाथ पैर तुड़वा बैठता है। हमारी बस जरा की जल्दी के कारण कभी-कभी किसी की रची- बसी गृहस्थी चौपट हो जाती है।
कोई असमय ही दिव्यांग होकर व्हील चेयर पर चला जाता है। इन सभी चीजों से बचने का सीधा सा यही उपाय है कि हम हर हाल में अपनी रफ्तार और वाहन दोनों पर नियंत्रण रखें।
यातायात के नियमों का पालन करें। सुरक्षा के उपयों को अपनाएं, वाहन चलाते समय नशे का उपयोग कदापि न करें। यातायात के नियमों का ईमानदारी से पालन करें और सुरक्षित घर पहुंचें।