RBI policy decisions आरबीआई के निर्णय, वाहन बिक्री और पीएमआई आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर

RBI policy decisions

RBI policy decisions आरबीआई के निर्णय, वाहन बिक्री और पीएमआई आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर

 

RBI policy decisions मुंबई !   दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद के बीच स्थानीय स्तर पर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में ऋणदाताओं के निवेश नियमों में ढील दिए जाने के बाद वित्तीय स्थिति मज़बूत होने की बदौलत बीते सप्ताह एक फीसदी से अधिक चढ़े घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह आरबीआई के नीतिगत निर्णय, वाहन बिक्री और पीएमआई आंकड़ों पर नजर रहेगी।


बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 819.41 अंक अर्थात 1.13 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 73651.35 अंक पर पहुंच गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 230.15 अंक यानी 1.04 प्रतिशत की तेजी के साथ 22326.90 अंक पर रहा।


समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे बीएसई का मिडकैप 520.89 अंक अर्थात 1.34 प्रतिशत मजबूत होकर सप्ताहांत पर 39322.12 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह स्मॉलकैप 395.07 अंक यानी 0.92 प्रतिशत उछलकर 43166.34 अंक हो गया।


RBI policy decisions  विश्लेषकों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 घरेलू बाजार के लिए एक फायदेमंद साल रहा। लार्जकैप ने 33 प्रतिशत का पर्याप्त रिटर्न दिया। मिडकैप में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई और स्मॉल कैप ने प्रभावशाली 63 प्रतिशत के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वर्ष के दौरान देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पूर्वानुमान तिमाही आधार पर 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया। कॉर्पोरेट आय वृद्धि में तेजी आई।


इस दौरान प्रत्यक्ष निवेश के साथ-साथ एमएफ के माध्यम से निवेश द्वारा समर्थित खुदरा प्रवाह मजबूत बना रहा। घरेलू निवेशकों द्वारा रखे गए ट्रेडिंग खातों की संख्या 16.7 करोड़ तक पहुंच गई, जो बढ़ती बाजार भागीदारी को रेखांकित करती है। इसके अलावा मंदी का सामना कर रहे अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत के बेहतर आर्थिक प्रदर्शन से उत्साहित विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुद्ध खरीददारी गतिविधि में सुधार दिखाया।


वहीं, 20 मार्च तक भारी बिकवाली के में साल का अंत धीमी गति से हुआ। फिर भी, हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में कुछ राहत मिली है क्योंकि लीवरेज्ड बिकवाली का दबाव कम हो गया है और खरीददारी गतिविधि में सुधार हुआ है।


RBI policy decisions  अप्रैल के आने वाले पहले सप्ताह में अमेरिका और भारत में पीएमआई, फैक्ट्री ऑर्डर और अमेरिका में बेरोजगारी डेटा जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े जारी होने वाले हैं। इसके अलावा आरबीआई की अगले सप्ताह 03-05 अप्रैल को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है। बाजार सहभागी नीतिगत दरों के संबंध में विशेष रूप से आरबीआई से मिलने वाले संकेतों की बारीकी से निगरानी करेंगे। इसके अलावा बाजार की नज़र 31 मार्च को समाप्त होने वाली चौथी तिमाही के कंपनियों के परिणाम पूर्वानुमानों पर रहेगी।

बीते सप्ताह होली और गुड फ्राइडे पर अवकाश के कारण बाजार में तीन दिन कारोबार हुआ, जिनमें से दो दिन तेजी जबकि एक दिन गिरावट रही। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, बैंकिंग, एफएमसीजी और वित्तीय सेवाएं समेत सात समूहों में हुई बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 361.64 अंक की गिरावट लेकर 72,470.30 अंक पर आ गया। साथ ही निफ्टी 92.05 अंक टूटकर 22,004.70 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार जारी गिरावट और स्थानीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में चालू खाता घाटा कम होने से रिलायंस, मारुति, एचडीएफसी बैंक, एलटी, एनटीपीसी और टाटा स्टील समेत अठारह दिग्गज कंपनियों में करीब चार प्रतिशत की तेजी से बुधवार को सेंसेक्स 526.01 अंक की छलांग लगाकर 72,996.31 अंक और निफ्टी 118.95 अंक उछलकर 22,123.65 अंक पर बंद हुआ।

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इसी तरह दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद में विश्व बाजार के सकारात्मक रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर आरबीआई के वैकल्पिक निवेश फंड में ऋणदाताओं के निवेश नियमों में ढील दिए जाने के बाद वित्तीय स्थिति में तेजी आने की बदौलत हुई चौतरफा लिवाली से गिरिवर को सेंसेक्स 655.04 अंक की छलांग लगाकर 73,651.35 अंक पर बंद हुआ। साथ ही निफ्टी 203.25 अंक उछलकर 22,326.90 अंक हो गया।

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