Rashtrapati Bhavan New Delhi छत्तीसगढ़ की झांकी में शामिल लोक-कलाकारों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात

Rashtrapati Bhavan New Delhi

रमेश गुप्ता

 

Rashtrapati Bhavan New Delhi बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार पर आधारित थी छत्तीसगढ़ की झांकी

 

Rashtrapati Bhavan New Delhi देशभर के झांकी और लोक-कलाकारों के प्रदर्शन की हुई सराहना

 

Rashtrapati Bhavan New Delhi रायपुर !  राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आज राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु से छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर के आदिम जनसंसद मुरिया दरबार में शामिल लोक कलाकारों ने मुलाकात की। राष्ट्रपति ने प्रदेश की झांकी और सभी कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की। राष्ट्रपति से मुलाकात करने राष्ट्रपति भवन पहुंचे कलाकारों ने भी इस खास मौके पर अपनी खुशी जाहिर की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी शुभकामनाओं के साथ झांकी में शामिल कलाकारों को छत्तीसगढ़ से नई दिल्ली रवाना किया था।

Rashtrapati Bhavan New Delhi  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी राज्यों से आए कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड देश की नारी शक्ति को समर्पित है। देश के विभिन्न राज्यों की झांकियों में विकसित और सशक्त भारत की झलक दिखी। छत्तीसगढ़ की झांकी में लोकतंत्र की जननी विषय पर जनजातियों की आदिम संसद का प्रदर्शन किया गया था। इससे देश के अन्य राज्यों को भी जनजाति समाज की परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की जानकारी मिली होगी। लोकतंत्र की आदिम व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को भी इस झांकी में प्रमुखता से दिखाया गया था।

राष्ट्रपति  मुर्मु ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में भारत की अनेकता में एकता का दर्शन देश-दुनिया ने किया है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार एक-दूसरे राज्यों के रीति-रिवाज और वहां के सांस्कृतिक वैभव से परिचित हुए होंगे। छत्तीसगढ़ की अपनी अलग पहचान और विशिष्ट परंपराएं हैं जिसके बारे में देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को भी जानकारियां मिली होंगी।

Chief Minister Vishnudev Sai मुख्यमंत्री ने कहा – अच्छी शिक्षा ही उन्नत और समृद्ध राष्ट्र की बुनियाद

Rashtrapati Bhavan New Delhi  आप सब कलाकारों ने अन्य राज्यों से आए सांस्कृतिक दलों से बहुत कुछ सीखा होगा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कलाकारों से कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया के लिए एक मिसाल बने इसके लिए हमें सांस्कृतिक विरासत को भावी पीढ़ी को सौंपना होगा, यह दायित्व आप सब पर है।

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