के एस ठाकुर
Rajnandgaon latest news जनसहभागिता से बच्चों को दिया गया पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन, खुशी के माहौल में बच्चों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत न्योता भोजन अंतर्गत समुदाय एवं संगठन भी अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में भोजन देने में करें योगदान
Rajnandgaon latest news राजनांदगांव । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जन्मदिवस के अवसर पर जिले में आज न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन सभी आश्रम एवं छात्रावास में किया गया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत न्योता भोजन कार्यक्रम जनसहभागिता से आयोजित किया गया। बच्चों को पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन दिया गया।
खुशी के माहौल में बच्चों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जन्मदिन को न्योता भोजन के रूप में उत्साह एवं खुशी के साथ मनाया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत शालेय अवधि में बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
यह योजना भारत सरकार के साथ राज्य शासन की भी अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य में इसे न्योता भोजन के नाम से लागू किया गया है।
न्योता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है।
Rajnandgaon latest news समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों एवं त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं।
न्योता भोजन पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं।
न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है।
न्योता भोजन समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करेगा।
यह प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत प्रदान किये जाने वाले भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि करने में मदद करेगा।
यह शाला और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा।
सभी समुदाय, वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा करने में मदद करना।