Railway crossing : रेलवे क्रासिंग की वजह से बिगड़ रही शहर की यातायात व्यवस्था

Railway crossing : रेलवे क्रासिंग की वजह से बिगड़ रही शहर की यातायात व्यवस्था

Railway crossing :  कोरबा । शहर की यातायात व्यवस्था पहले ही बिगड़ी हुई है और ऐसे में रेलवे फ ाटक राहगीरों के लिए और अधिक मुसीबत साबित हो रही। कोयला परिवहन के लिए शहर के बीच से ही रेल लाइन गुजरी है। इसकी वजह से जगह-जगह रेलवे क्रासिंग बनाया गया है।

Railway crossing :  स्थिति है कि हर 10 मिनट के अंदर क्रासिंग बंद करना पड़ता है। भीड़ लगती है और आपाधापी के बीच रेलवे क्रासिंग के नीचे से जान जोखिम में डालकर लोग गुजरते हैं। त्यौहार के सीजन में स्थिति और खराब हो जाती है। लगातार नियमों का उल्लंघन करने वालों की संख्या बढ़ रही है।


Railway crossing :  शहर के मुख्य मार्गो में चार किलोमीटर के अंतराल में पांच रेलेवे क्रासिंग है। नियम के अनुसार क्रासिंग की बेरियर की ऊंचाई जमीन से तीन फीट होनी चाहिए। साथ में रेड सिग्नल व रेडियम की पेटिंग आवश्यक है। जिससे रात के समय वाहन चालकों को इसकी जानकारी मिल सके।

रेलवे की ओर से नियम का पालन नहीं किए जाने के कारण वाहन चालक भी नियमों की अनदेखी करने से बाज नहीं आते। त्यौहार की वजह से ग्रामीण क्षेत्र से खरीदी करने लोग शहर आते हैं। 11अगस्त को रक्षाबंधन त्यौहार से के बाद हलषष्ठी, जन्माष्टमी, पोला, हरतालिका तीज, गणेशोत्सव सहित अन्य उत्सवों की खरीदारी के लिए शहर के सडक़ों में भीड़ रहेगी।

Railway crossing : बताना होगा कि डीएसपीम व बालको में कोयला आपूर्ति के मालगाड़ी के आवागमन से फाटक प्रत्येक 10 मिनट के अंतराल में बंद हो जाता हैं। शारदा विहार, मुड़ापार व सीएसइबी चौक, मुख्य मार्ग से जुड़ा ऐसे में सडक़ में लंबी दूरी तक वाहनों की कतार लग जाती है। रेलवे फाटक बंद होने के दौरान ट्रैफिक पुलिस भी यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं। ऐसे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

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Railway crossing :  आपातकालीन मरीजों के लेकर आने वाले एंबुलेंस वाहनों को तब तक इंतजार करना होता है जब तक फाटक न खुल जाए। शहर के अंतिम छोर में जिला अस्पताल संचालित है। वहीं दूसरे छोर में रानी धनराज कुंवर अस्पताल है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर मरीज अथवा प्रसूतियों के लिए बेड की समस्या होने पर अक्सर उन्हे जिला मेडिकल रेफर किया जाता है। इस दौरान पुराना बस स्टैंड से निकल जिला अस्पताल पहुंचने के लिए एंबुलेंस को दो रेलवे फाटक पार कर जिला अस्पताल आना होता है।

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