Principal trapped: बिना अनुमति विदेश यात्रा कर फंसी प्राचार्य: सोशल मीडिया से खुली पोल, कार्रवाई की मांग

बिना अनुमति विदेश यात्रा कर फंसी प्राचार्य: सोशल मीडिया से खुली पोल, कार्रवाई की मांग

बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में दोहरे मापदंड की एक और बानगी सामने आई है। न्यायधानी के पं. रामदुलारे दुबे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती निशा तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने शासन से विधिवत अनुमति लिए बिना छह महीने पहले दुबई यात्रा की और इसे लेकर लगातार झूठा दावा करती रहीं।

मामले की शिकायत सादिर अली नामक व्यक्ति ने दस्तावेजों के साथ राज्य कार्यालय में की थी। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने संयुक्त संचालक (जेडी), बिलासपुर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। लेकिन इस रिपोर्ट को हासिल करने में पूरे 5 महीने लग गए और तीन बार पत्र जारी करने पड़े।

जेडी ने तीन बार मांगी जानकारी, शिक्षा अधिकारी की चुप्पी
17 जनवरी, 26 फरवरी और 2 मई को जेडी कार्यालय ने पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O.) से प्राचार्य का जवाब मंगवाने को कहा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।मीडिया दबाव के बाद प्राचार्य से जबरन जवाब लिया गया, जिसमें साफ हुआ कि दुबई यात्रा बिना सरकारी अनुमति के की गई थी।

फेसबुक पोस्ट से खुला राज, सोशल मीडिया बना सबूत
निशा तिवारी ने दुबई यात्रा के दौरान वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं। इन्हीं तस्वीरों से आम लोगों को उनकी विदेश यात्रा की भनक लगी और पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ। यही तस्वीरें आज उनके खिलाफ सबसे मजबूत सबूत बन गई हैं।

झूठा दावा: “मेरे पास सभी दस्तावेज हैं”
मामला तूल पकड़ने पर प्राचार्य ने मीडिया में आकर कहा था कि उन्होंने सभी प्रकार की अनुमति ली है और दस्तावेज मौजूद हैं। लेकिन जब उनसे दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकीं।

कानूनी प्रावधान: बिना अनुमति विदेश यात्रा पर निलंबन

सिविल सेवा अधिनियम के अनुसार, बिना अनुमति विदेश यात्रा करने पर निलंबन का प्रावधान है। बीते साल दुर्ग जिले में एक शिक्षिका को इसी आधार पर निलंबित किया गया था। बावजूद इसके, बिलासपुर में अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।

क्या होगी कार्रवाई? रिपोर्ट पर टिकी नजरें
अब जबकि जेडी कार्यालय की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि प्राचार्य ने नियमों का उल्लंघन किया है, विभागीय स्तर पर कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या विभाग एक समान मापदंड अपनाएगा या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा?

शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और समान न्याय की बात तब तक खोखली लगती है जब ऐसे मामलों में दोषी अधिकारी बच निकलते हैं। अब देखना यह है कि क्या शासन निशा तिवारी के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा या फिर इस मामले को भी फाइलों के ढेर में दफना दिया जाएगा।चरणबद्ध आंदोलन का दूसरा दिन भानुप्रतापपुर – गोदावरी पावर एण्ड इस्पात लि. आरीडोंगरी माईस कच्चे माईंस प्रबंधन द्वारा भानुप्रतापपुर परिवहन संघ के हितों के प्रति लगातार कुठाराघात किया जा रहा है इस संबंध में भानुप्रतापपुर परिवहन संघ द्वारा प्रशासन, माईंस प्रबंधन को अनेक आवेदन देने के पश्चात भी संघ की समस्या का निदान नहीं किया गया जिससे विवश होकर भानुप्रतापपुर परिवहन संघ द्वारा 28 मई से तहसील कार्यालय भानुप्रतापपुर के पास अनिश्चित कालीन चरणबद्ध धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया है। चूंकि माईंस प्रबंधन द्वारा कच्चे परिवहन संघ के अनुपात में भानुप्रतापपुर परिवहन संघ को 100 रूपये प्रतिटन कम दर पर भुगतान करना, केमिकल युक्त आयरन ओर का संपूर्ण परिवहन भानुप्रतापपुर परिवहन संघ को ही दिया जाना जिससे वाहनों को क्षति पहुंचना, माईंस पहुंचने वाली वाहनों की कतार अनुसार लोडिंग न करवाकर प्रथम कच्चे परिवहन संघ की वाहनों की लोडिंग करवाई जाती है जिसके पश्चात भानुप्रतापपुर परिवहन संघ की वाहनों की लोडिंग करवाना तथा वर्षों से दिया जा रहा परिवहन अनुपात 36% में कूटरचना कर कम कर देने जैसी समस्या से जूझते हुए परिवहन संघ ने वाहन मालिकों की विवशता एवं लगातार हो रही हानि के कारण उक्त कदम उठाया है तथा शांतिपूर्वक चरणबद्ध आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है समस्याओं का शीघ्र निराकरण न होने की स्थिति में गंभीर आंदोलन की चेतावनी भी प्रशासन एवं माईंस प्रबंधन को दी गई है।