President Draupadi Murmu Breaking मजबूत अर्थव्यवस्था के रथ पर सवार भारत आत्मविश्वास के साथ बढ़ रहा विकसित राष्ट्र बनने की ओर

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President Draupadi Murmu Breaking आत्मविश्वास के साथ विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है देश: मुर्मु

 

महिला आरक्षण विधेयक को ऐतिहासिक तथा क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि इससे देश महिला पुरुष की समानता के आदर्श की ओर बढ़ेगा

 

President Draupadi Murmu Breaking नयी दिल्ली !  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को कहा कि तेजी से बढ़ रही मजबूत अर्थव्यवस्था के रथ पर सवार भारत आत्मविश्वास के साथ विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रपति मुर्मु ने आज यहां 75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में केवल जन-कल्याण योजनाओं का विस्तार और संवर्धन ही नहीं किया है, अपितु जन-कल्याण की अवधारणा को भी नया अर्थ प्रदान किया है।

उन्होंने कहा,  आज का भारत, आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। सुदृढ़ और स्वस्थ अर्थव्यवस्था इस आत्मविश्वास का कारण भी है और परिणाम भी। हाल के वर्षों में, सकल घरेलू उत्पाद की हमारी वृद्धि दर, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रही है। ठोस आकलन के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि यह असाधारण प्रदर्शन, वर्ष 2024 और उसके बाद भी जारी रहेगा।

 

President Draupadi Murmu Breaking उन्होंने कहा कि यह बात उल्लेखनीय है कि जिस दूरगामी योजना-दृष्टि से अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त हुई है, उसी के तहत विकास को हर दृष्टि से समावेशी बनाने के लिए सुविचारित जन कल्याण अभियानों को भी बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने कहा कि महामारी के दिनों में, सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए लागू योजनाओं का दायरा, बढ़ा दिया था। इस पहल को और अधिक विस्तार देते हुए, सरकार ने 81 करोड़ से अधिक लोगों को अगले पांच साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। संभवत:, इतिहास में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा जन-कल्याण कार्यक्रम है।

President Draupadi Murmu Breaking श्रीमती मुर्मु ने कहा कि नागरिकों के जीवन-यापन को सुगम बनाने के लिए अनेक समयबद्ध योजनाएं भी कार्यान्वित की जा रही हैं। पेयजल की उपलब्धता से लेकर अपना घर होने के सुरक्षा-जनक अनुभव तक सभी सुविधाएं किसी भी राजनीतिक या आर्थिक विचारधारा से परे हैं और इन्हें मानवीय दृष्टिकोण से ही देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहासरकार ने, केवल जन-कल्याण योजनाओं का विस्तार और संवर्धन ही नहीं किया है, अपितु जन-कल्याण की अवधारणा को भी नया अर्थ प्रदान किया है। हम सभी उस दिन गर्व का अनुभव करेंगे जब भारत ऐसे कुछ देशों में शामिल हो जाएगा जहां शायद ही कोई बेघर हो। उन्होंने कहा कि समावेशी कल्याण की सोच के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति  में डिजिटल विभाजन को पाटने और वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के हित में, समानता पर आधारित शिक्षा व्यवस्था के निर्माण को समुचित प्राथमिकता दी जा रही है।

आयुष्मान भारत योजना के विस्तारित सुरक्षा कवच के तहत सभी लाभार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य है। इस संरक्षण से गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों में एक बहुत बड़ा विश्वास जगा है।

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर को देश की विरासत बताते हुए उन्होंने कहा  यह मंदिर न केवल जन-जन की आस्था को व्यक्त करता है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में हमारे देशवासियों की अगाध आस्था का प्रमाण भी है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे। इस मंदिर का निर्माण कार्य उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद आरंभ हुआ।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। उन्होंने कहा  हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर मिला है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान, महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए मैं सभी देशवासियों से संविधान में निहित हमारे मूल कर्तव्यों का पालन करने का अनुरोध करूंगी। ये कर्तव्य, आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में, प्रत्येक नागरिक के आवश्यक दायित्व हैं।

राष्ट्रपति ने कहा गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। संस्कृति, मान्यताओं और परम्पराओं की विविधता, हमारे लोकतंत्र का अंतर्निहित आयाम है। हमारी विविधता का यह उत्सव, समता पर आधारित है जिसे न्याय द्वारा संरक्षित किया जाता है।

विश्व में अनेक स्थलों पर हो रही लड़ाइयां और संघर्षों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब दो परस्पर विरोधी पक्षों में से प्रत्येक मानता है कि केवल उसी की बात सही है और दूसरे की बात गलत है, तो ऐसी स्थिति में समाधान-परक तर्क के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए। दुर्भाग्य से, तर्क के स्थान पर, आपसी भय और पूर्वाग्रहों ने भावावेश को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण अनवरत हिंसा हो रही है।

उन्होंने कहा बड़े पैमाने पर मानवीय त्रासदियों की अनेक दुखद घटनाएं हुई हैं, और हम सब इस मानवीय पीड़ा से अत्यंत व्यथित हैं।उन्होंने उम्मीद जताई कि संघर्षों में उलझे क्षेत्रों में, उन संघर्षों को सुलझाने तथा शांति स्थापित करने के मार्ग खोज लिए जाएंगे।मुर्मु ने भारत रत्न से सम्मानित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को जननायक करार देते हुए श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने संसद में महिला आरक्षण विधेयक को पारित किए जाने को ऐतिहासिक तथा क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि इससे देश महिला पुरुष की समानता के आदर्श की ओर बढ़ेगा।

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राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है।

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