Prayagraj Magh Mela 2024 : आधी-अधूरी तैयारियों और अव्यवस्थाओं के बीच श्रद्धालुओं को लगानी होगी आस्था की डुबकी

Prayagraj Magh Mela 2024 :

Prayagraj Magh Mela 2024 : आधी-अधूरी तैयारियों के बीच होगा माघ मेला का पहला स्नान

 

Prayagraj Magh Mela 2024 : प्रयागराज !   15 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ के पहले स्नान पर्व के साथ माघ मेला 2024 का शुभारंभ हो जायेगा मगर पहले स्नान में श्रद्धालुओं को आधी-अधूरी तैयारियों और अव्यवस्थाओं के बीच में आस्था की डुबकी लगानी होगी।


माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने दावा किया कि माघ मेला की तैयारी अपने नियत समय पर पूर्ण होगी। मेला क्षेत्र में सभी विभाग पूर्ण मनोयोग के साथ कार्य कर रहा है। उनकेे कार्य लगभग पूर्ण होने के कगार पर हैं। कल्पवासियों और स्नानार्थियों के स्नान कराने की व्यवस्था समय से पहले कराई जाएगी।
श्री प्रसाद का कहना है कि माघ मेला कल्पवासियों और साधु-संत का होता है। हमारा भरसक प्रयास होता है कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधाओं से रू-ब-रू नहीं होना पड़े। उन्होने बताया कि गंगा कटान के कारण कुछ संस्थाओं को इधर -उधर हटाना पड़ रहा है।


Prayagraj Magh Mela 2024 : मेला क्षेत्र में पहुंच रहे साधु-संत का कहना है कि मेला अधिकारी का दावा खोखला साबित हो रहा है। मेला शुरू होने में मात्र चार दिन शेष है जबकि मेले में अभी भी बसावट की पूरी तैयारी नहीं हुई है। झूंसी क्षेत्र में अभी केवल बिजली के खंभों पर बिजली के तार दौडाए गए हैं। मेला क्षेत्र में कार्य कर रही सरकारी कार्यालयों के शिविर के अलावा कहीं कहीं आधे अधूरे तंबुओं का शिविर दिखलाई पड़ रहे हैं ।


Prayagraj Magh Mela 2024 : प्रयाग धर्म संघ अध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि प्रयागवाल ही कल्पवासियों को बसाता है। उनका मानना है कि माघ मेला का पहला मकर संक्रांति स्नान पर्व अव्यवस्थाओं और आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही होगा। मेला क्षेत्र में अभी पूरा काम नहीं हो सका है। प्रशासन ने सभी काम पूरे करने की कई बार आखिरी तारीख 25 दिसंबर निर्धारित किया गया था जबकि वह तिथि भी समाप्त हो गयी। झूंसी क्षेत्र में अभी भी आधी अधूरी तैयारियों के बीच शिविर कहीं कहीं दिख रही है।


श्री पालीवाल ने बताया कि साधु-संत, कल्पवासियों के लिए संगम तट पर महीने भर से अधिक समय तक जप, तप, ध्यान के लिए इस बार माघ मेला लगभग 800 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बसाया गया है। उन्होंने बताया कि तंबुओं की आध्यात्मिक नगरी का स्वरूप रात में भले ही मनोहरी दिखलाई पड रहा है लेकिन दूर दराज से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को 15 जनवरी का मकर संक्रांति स्नान पर्व अव्यवस्थाओं और आधी-अधूरी तैयारियों के बीच में आस्था की डुबकी लगानी होगी। मेला क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं अभी पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं है।


उन्होने बताया कि माघ मेला के दौरान प्रमुख छह स्नान पड़ते हैं। पहला 15 जनवरी मकर संक्रांति, दूसरा 25 जनवरी पौष पूर्णिमा, तीसरा 09 फरवरी को मौनी अमावस्या, चौथा 14 फरवरी वसंत पंचमी, 24 फरवरी माघी पूर्णिमा,

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08 मार्च को अतिम महाशिवरात्रि स्नान के साथ माघ मेला का समापन हो जाएगा।

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