राजकुमार मल
PITRAPAKSH : पितृपक्ष 10 सितंबर से शांत है बाजार
PITRAPAKSH : भाटापारा- पितृपक्ष। हल्की तेजी है छिलके वाली उड़द में लेकिन जरूरी अन्य सामग्रियां यथावत हैं इसलिए उपभोक्ता मांग को लेकर बाजार बेफिक्र है। पितृ पक्ष को लेकर छिटपुट तैयारियां चालू होती दिखाई देने लगीं हैं।
PITRAPAKSH : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर से पितृपक्ष चालू हो रहा है। तय समय और तय तिथि पर होने वाले इस पक्ष के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक काम नहीं किए जा सकेंगे। शुभ आयोजनों पर भी ग्रहों की नजर रहेगी।
स्थिर बाजार
10 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष के लिए छिलके वाली उड़द और आटा की खरीदी कुछ तेजी के बीच करनी होगी लेकिन जौ, कुशा, जनेऊ और काली तिल की कीमतों में स्थिरता का रुख बना हुआ है। इसलिए फिलहाल तो यह तेजी ज्यादा असर नहीं डाल पाएगी क्योंकि इस पक्ष में जरूरतें सीमित ही रहतीं हैं।
शुभ कार्यों पर रोक
परंपरा और मान्यता रही है कि पितृपक्ष में शुभ कार्य और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। यह अब भी प्रभावी है। 10 सितंबर से शुरू हो रहे पित्तृ पक्ष से लेकर पितृ मोक्ष की तिथि तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे।
पितृ मोक्ष 25 को
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू हो रहा पितृपक्ष का समापन 25 सितंबर को होगा। 25 सितंबर को पितृ मोक्ष पर श्राद्ध सहित दूसरे जरूरी काम किए जा सकेंगे। सीमित सामानों की सूची बनाई जाने लगी है तो बाजार भी तैयार है।