Pitaron ka Tarpan : खंडवा जिले के ओंकारेश्वर तीर्थ स्थान सिध्दकूट के निकट गया शीला पर सोलह श्राध्द कर्मकांड पितरों का तर्पण करने से बिहार गया जैसा पितरों को शांति और पुण्य मिलता है
Pitaron ka Tarpan : खंडवा ! ओंकारेश्वर के निकट गया की तरह ही पितरों का तर्पण का कार्य गया शीला पर श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ होते ही अपने बुजुर्गों और अपने निकट परिजनों की मृत्यु के बाद ओंकारेश्वर की गया शीला पर श्राद्ध का पितरों का तर्पण किया जा रहा है, ओंकारेश्वर के स्थित पहाड़ी जिसे पांडव कालीन मंदिर कहां जाता है, उसके सामने गया शीला स्थित है आस पास के क्षेत्रों से श्राद्ध पक्ष होने से बड़ी संख्या में ग्रामीण कर्मकांड और तर्पण करने बड़ी संख्या में यहां आ रहे है, नर्मदा किनारे होने और पांडव कालीन शिव मंदिर होने से लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए गया शिला पर तर्पण करने लगातार आ रहे हैं, मान्यता है कि यहां भी पितरों का तर्पण करने पर गया जैसा पुण्य मिलता है .