Organ transplant : छत्तीसगढ़ में पहली बार दो निजी अस्पतालों को मिली अंग प्रत्यारोपण की अनुमति

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Organ transplant : राजधानी रायपुर में अब होगा आर्गन ट्रांसप्लांट

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Organ transplant : छत्तीसगढ़ में पहली बार दो निजी अस्पतालों को मिली अंग प्रत्यारोपण की अनुमति

Organ transplant : रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार दो निजी अस्पतालों को आर्गन ट्रांसप्लांट की मंजूरी मिली है। स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों को ब्रेन डेड मरीजों के शवों के अंग प्रत्यारोपण की अनुमति दे दी है।

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Organ transplant : औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद ये अस्पताल जल्द ही प्रत्यारोपण शुरू कर सकेंगे। यहां हृदय, लीवर, किडनी और फेफड़े का प्रत्यारोपण किया जा सकता है।

Organ transplant : आयुष्मान योजना से इलाज के लिए भी फंड मिलेगा, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग पहले ही केंद्र को पत्र भेज चुका है. अनुमति के बाद अब इन अस्पतालों को सोटो यानी स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एक महीने के बाद, वे प्रत्यारोपण शुरू कर सकते हैं।

शव अंगदान नीति बनने के बाद अब अस्पतालों की मंजूरी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। नीति नहीं बनने से जरूरतमंद मरीजों को भटकना पड़ा। इतना ही नहीं ब्रेन डेड मरीजों के परिजन भी पॉलिसी न होने पर भी अंगदान नहीं कर पा रहे थे।


स्वास्थ्य विभाग ने दो बड़े निजी अस्पतालों को आर्गन ट्रांसप्लांट की मंजूरी दे दी है। रामकृष्ण को किडनी, लीवर और हृदय के लिए जबकि बालाजी को हृदय, लीवर, किडनी और फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए मंजूरी दी गई है। एम्स और डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी अंग प्रत्यारोपण होंगे।

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