Operation Lotus
Operation Lotus : मतदान हो चुका है और मतगणना से पहले बार-बार हिसाब लगाया जा रहा है कि प्रदेश में अगली सरकार किसकी? लेकिन साथ ही अब ये सवाल भी उठने लगा है कि अगली सरकार कैसे बनेगी। स्पष्ट बहुमत वाली या जोड़-जुगाड़ वाली यानि चुनावी गुणा-भाग वाली।
Operation Lotus : दरअसल, सियासी गलियारों में इस वक्त ‘ऑपरेशन लोटस’ को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं और जवाब में नेताओं के बयानों से बहस का नया मोर्चा भी खुल गया है। सवाल ये है कि काउंटिंग से कॉनिडेंस से भरे दिख रहे दोनों खेमों को अभी जोड़-तोड़ वाले गणित की चिंता क्यों है?
ऑपरेशन लोटस क्या ये कांग्रेसियों का भय है या फिर देश में अन्य राज्यों में बीजेपी के ऑपरेशन लोटस के इतिहास से मिला सबक छत्तीसगढ़ में चुनाव हो चुके हैं, क्षेत्रवार और वर्गवार बंपर वोटिंग किसके पाले में गई होगी, किसे बढ़त देगी इसे लेकर बहस जारी है।
साथ ही सियासी गलियारे में एक और सवाल रह-रह कर पूछा जा रहा है कि क्या यहां बीजेपी नंबर गेम में पिछड़ने पर सत्ता में आने के लिए ऑपरेशन लोटस चला सकती है जैसे कर्नाटक, मध्यप्रदेश या महाराष्ट्र में हुआ था। वहीं कांग्रेस ने ऑपरेशन लोटस को लेकर भी अपने प्रत्याशियों को दिशानिर्देश दिए हैं।
https://jandharaasian.com/bhojpuri-industry/
प्रत्याशियों से कहा है कि जीत का सर्टिफिकेट लेते ही उन्हें रायपुर आना है, प्रत्याशियों को पार्टी के संपर्क में लगातार बने रहने कहा गया है। कांग्रेस नेता इस सवाल पर कहते हैं कि बीजेपी सत्ता के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है लेकिन साथ ही ये भी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस वाला मंसूबा कामयाब नहीं होगा
इस बार के चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पर पूरा फोकस रखा, लगातार दौरे कर, जीत की रणनीति और जमीनी कसावट पर काम किया। शाह के हवाले से बयान भी चर्चा में रहा कि अगर प्रदेश में 35 सीटें बीजेपी लाती है,
तो प्रदेश में बीजेपी ही सरकार बनाएगी, लेकिन इन सारी आशंकाओं को खारिज करते हुए प्रदेश बीजेपी, इसे कांग्रेस के चुनाव हारने का डर और घबराहट बता रही है।सांसद ओर भाजपा के प्रत्याशी विजय बघेल का कहना है की किसी पर कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए इस तरह की बाते कांग्रेस कर रही है छत्तीसगढ़ में बहुमत की सरकार भाजपा बना रही है
छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है लेकिन सियासी दल परिणाम को लेकर खासे बेचैन नजर आ रहे हैं, यही वजह है कि कोई भी दावे के साथ कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में दोहरी रणनीति के तहत एक्शन मोड में नजर आ रही कांग्रेस सरकार बनाने को लेकर निश्चिंतता का संकेत जरूर दे रही है।