onelegपर 10 सेकंड भी खड़े होने में दिक्कत तो समझ जाइए अब मौत दूर नहीं

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oneleg अगर आपको oneleg पर 10 सेकंड भी खड़े होने में दिक्कत होती है तो समझ जाइए कि आपकी उम्र लंबी नहीं है। दरअसल, हाल ही में एक शोध से पता चलता है कि जो लोग oneleg पर 10 सेकेंड भी खड़े नहीं हो सकते, उनकी 10 साल के भीतर मरने की संभावना अधिक है यानी आपकी बैलेंसिंग और अंदरूनी स्वास्थ्य के बीच गहरा रिश्ता है। आइए जानते हैं कि शोध में क्या-क्या बातें सामने आई ।

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इस शोध के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और ब्राजील के विशेषज्ञों ने बैलेंस और मृत्यु दर के बीच वाले संबंधों का पता लगाने के लिए 12 साल तक अध्ययन किया। इस शोध के परिणाम ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स oneleg पर खड़े नहीं हो पाते हैं उनमें 10 वर्षों में मौत का खतरा दोगुना हो जाता है।

कैसे किया गया यह शोध?

2008 से 2020 तक हुए इस शोध में 51-75 साल के 1,702 लोग शामिल किए गए, जिन्हें बिना किसी सहारे के 10 सेकंड तक oneleg पर खड़े होने को कहा गया। सभी को एक पैर अपने दूसरे पैर के पीछे और दोनों हाथ साइड में रखने थे। सभी को तीन मौके दिए गए, लेकिन हर पांच में से एक व्यक्ति (21 प्रतिशत) टेस्ट में फेल हो गया। 71-75 आयु वर्ग के 54 प्रतिशत लोग यह टेस्ट पूरा करने में असमर्थ रहे।

असफल रहे 17.5 प्रतिशत लोगों की अगले 10 सालों में मौत

इस टेस्ट को पूरा करने में असफ रहे लोगों में से 17.5 प्रतिशत लोगों की अगले 10 सालों में किसी न किसी कारण से मौत हो गई। वहीं जिन लोगों ने इस टेस्ट को पास किया था, उनमें से 4.5 प्रतिशत लोगों की अगले 10 सालों में मौत हुई। जो लोग इस टेस्ट में असफल रहे, उनमें अगले 10 वर्षों में किसी भी कारण से मृत्यु का 85 प्रतिशत अधिक जोखिम था।

बीमारियों से ग्रस्त हुए टेस्ट में असफल

इस टेस्ट में असफल लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त थे और जो लोग 10 सेकंड तक oneleg पर नहीं खड़े हो पाए उन लोगों को टाइप-2 मधुमेह था। वहीं, बाकियों को मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों की शिकायत थी।

खरा जीवनशैली से जुड़ा खराब बैलेंस

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इस शोध के प्रमुख शोधकर्ता डॉ क्लाडियो गिल अराजुओ ने कहा, मेरा मानना है कि शरीर का खराब बैलेंस खराब जीवनशैली से जुड़ा हुआ है यानी जो लोग टेस्ट में असफल रहे वे शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते हैं और न ही एक्सरसाइज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा, मुझे लगता है कि 51-75 साल के लोगों को अपने रुटीन हेल्थ चेक-अप में सेफ बैलेंस टेस्ट भी शामिल करना चाहिए।

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