सोनहत में ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नया कदम…

कोरिया 25 दिसंबर 2024। जिले में लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। इसी कड़ी में विकासखंड सोनहत के ग्राम कटगोड़ी में क्रांति महिला संकुल स्तरीय संगठन की सदस्य प्रमिला यादव (पशु सखी) ने अपने पशु सखी उद्यमिता केंद्र की शुरुआत की। इस केंद्र का उद्घाटन सोनहत-भरतपुर विधानसभा की विधायक श्रीमती रेणुका सिंह ने किया।

जिले की महिलाओं में हुनर और जुनून की कोई कमी नहीं
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा है कि जिले की महिलाओं में हुनर और जुनून की कोई कमी नहीं है, उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के विकास के लिए कृत संकल्प हैं।

जिला कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के निर्देश और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में बिहान स्व-सहायता समूह की महिलाएं लगातार उद्यमशीलता के कार्य में जुटी हुई हैं।

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महिलाओं की प्रगति की नई राह
कार्यक्रम के दौरान विधायक ने प्रमिला यादव के इस साहसिक कदम की सराहना की और कहा कि यह प्रयास जिले की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, “लखपति दीदी योजना के अंतर्गत महिलाएं अपने जीवन में नए आयाम स्थापित कर रही हैं। स्व सहायता समूहों द्वारा शुरू किए गए उद्यम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं।”

2600 लखपति दीदियों का लक्ष्य
जिले में एक वर्ष के भीतर 2600 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब-तक 1460 महिलाएं इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं। वित्तीय वर्ष के अंत तक ये सभी महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण के इस मील के पत्थर को हासिल कर लेंगी। वर्तमान में जिले में 4490 महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं।

समारोह में शामिल गणमान्य
इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, सरपंच, क्रांति महिला संगठन की अध्यक्ष व सचिव, जिला पंचायत से डीपीएम श्री तरुण सिंह, ब्लॉक से बीपीएम मसत राम तथा प्रदान संस्था से कृपा शंकर और आकाश उपस्थित थे।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी अतिथियों ने महिलाओं के इन प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस दिशा में हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा चलाए जा रहे इन कार्यक्रमों से जिले की महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि पूरे समाज को भी सशक्त बना रही हैं।

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