new delhi latest news उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों पर निरंतर निगरानी और सक्रिय प्रयासों पर एफएसडीसी का जोर

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new delhi latest news उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों पर निरंतर निगरानी और सक्रिय प्रयासों पर एफएसडीसी का जोर

 

new delhi latest news नयी दिल्ली !   वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में आज घरेलू और वैश्विक मैक्रो-वित्तीय स्थिति को देखते हुए उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों का पता लगाने की दिशा में निरंतर निगरानी और सक्रिय प्रयासों पर जोर दिया गया।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुयी एफएसडीसी की 28वीं बैठक में केन्‍द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्त सचिव और वित्त मंत्रालय (एमओएफ) के व्यय विभाग में सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन, वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में सचिव अजय सेठ, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव डॉ. विवेक जोशी, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में सचिव संजय मल्होत्रा, कार्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) में सचिव डॉ. मनोज गोविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष देबाशीष पांडा, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती, भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड के अध्यक्ष रवि मितल, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्‍द्र प्राधिकरण के अध्यक्ष और वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग के सचिव के. राजारमन ने भाग लिया।


new delhi latest news एफएसडीसी ने अन्य बातों के अलावा, व्यापक वित्तीय स्थिरता और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केन्‍द्रों में से एक बनने और घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी पूंजी और वित्तीय सेवाओं को सुविधाजनक बनाने की अपनी आगे की भूमिका निभाने के लिए जीआईएफटी आईएफएससी को उसकी रणनीतिक भूमिका में सहयोग देने के लिए वर्तमान अंतर-नियामक मुद्दों पर भी चर्चा की गई।


एफएसडीसी ने अपने निर्णयों और केन्‍द्रीय बजट घोषणाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। समान केवाईसी मानदंड निर्धारित करना, वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी रिकॉर्ड की अंतर-प्रयोज्यता, और केवाईसी प्रक्रिया का सरलीकरण और डिजिटलीकरण, सामाजिक स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से सामाजिक उद्यमों द्वारा धन जुटाने की शुरुआत करना, ऑनलाइन ऐप के माध्यम से अनधिकृत ऋण देने के हानिकारक प्रभावों को रोकना और उनके आगे प्रसार को रोकने के उपाय करने आदि पर विचार विमर्श किया गया।


एफएसडीसी ने घरेलू और वैश्विक मैक्रो-वित्तीय स्थिति पर विचार किया और इस बात पर जोर दिया कि सदस्यों को उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों का पता लगाने और वित्तीय क्षेत्र का लचीलापन बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए निरंतर सतर्कता बनाए रखने और अपने सक्रिय प्रयास जारी रखने की आवश्यकता है। एफएसडीसी सदस्यों ने वित्तीय क्षेत्र को और विकसित करने के लिए अंतर-नियामक तालमेल को मजबूत करने का भी निर्णय लिया ताकि यह समावेशी आर्थिक विकास के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधन प्रदान करता रहे।

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एफएसडीसी ने आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति द्वारा किए गए कार्यों और एफएसडीसी के पिछले निर्णयों पर सदस्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर भी विचार विमर्श किया।

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