(National Lok Adalat) कल शनिवार को लगेगी साल की पहली नेशनल लोक अदालत

(National Lok Adalat)

(National Lok Adalat) कल शनिवार को लगेगी साल की पहली नेशनल लोक अदालत

(National Lok Adalat) अम्बिकापुर !  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के सचिव अमित जिन्दल ने बताया कि दिनांक 11. नेशनल लोक अदालत सम्पूर्ण देश के साथ-साथ जिला अम्बिकापुर में भी आयोजित की जायेगी। जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के लिए 14 खण्डपीठ का गठन किया गया है। जिसमे ‘से खण्डपीठ कमांक 1  राकेश बिहारी घोरे जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर की है तथा खण्डपीठ कमांक 2  धनेश्वरी सिद्वार प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अम्बिकापुर की है तथा खण्डपीठ कमांक 3  नीलीमा सिंह बघेल प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर की है तथा खण्डपीठ कमांक 4  उर्मिला गुप्ता चेयरमैन स्थाई लोक अदालत की है।

(National Lok Adalat) खण्डपीठ कमांक 5  मनोज ठाकुर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर की है। खण्डपीठ क्रमांक 6  श्रीनिवास तिवारी तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर की है । खण्डपीठ क्रमांक 7 ओम प्रकाश जायसवाल पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / श्रम न्यायाधीश अम्बिकापुर की है। खण्डपीठ कमांक 8 श्री नरेन्द्र कुमार सी.जे.एम अम्बिकापुर की है।

(National Lok Adalat) खण्डपीठ कमांक 9 सुश्री खिलेश्वरी सिन्हा चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अम्बिकापुर की है। खण्डपीठ कमांक 10 सुश्री श्वेता गोस्वामी प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अम्बिकापुर की है। खण्डपीठ कमांक 11 सुश्री प्रिया रजक द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 अम्बिकापुर की है। खण्डपीठ कमांक 12 कुमारी आकांक्षा सक्सेना तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग -2 अम्बिकापुर की है।

खण्डपीठ कमांक 13 सुश्री रश्मि मिश्रा, न्यायिक मजि. द्वितीय श्रेणी अंबिकापुर की है। खण्डपीठ क. 14 सुश्री जेनिफर लकड़ा, न्यायिक मजिद्वितीय श्रेणी अंबिकापुर की है। तहसील सीतापुर में भी श्री सुरेश टोप्पो व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 सीतापुर की खण्डपीठ का गठन किया गया है।

अमित जिन्दल ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणो के निराकरण का लाभ यह होता है कि पक्षकारो के संबंध मधुर बने रहते है तथा समय की बचत होती है तथा इस अवसर का लाभ उठाया जाना चाहिए। श्री अमित जिन्दल ने बताया कि राजस्व स्तर पर भी उक्त आयोजन किया जा रहा है।  अमित जिन्दल ने यह भी बताया कि सिविल मामलो में लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा करने से पक्षकारो द्वारा अदा की गई न्यायशुल्क की रकम उन्हें वापस मिल जाती है।

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