:रामनारायण गौतम:
सक्ती: : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के करीब 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य उनकी मांगों को लेकर सरकार तक आवाज पहुँचाना है—जैसे कि बेहतर वेतन, जॉब सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, नई पेंशन स्कीम, दुर्घटना बीमा और वेतन विसंगति का समाधान.

हड़ताल के मुख्य बिंदु
कर्मचारी समूह: डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब व एक्स‑रे तकनीशियन, काउंसलर, एएनएम, कार्यालयीन स्टाफ और सफाईकर्मी शामिल हैं ।
सेवा प्रभावित: ओपीडी, टीबी/मलेरिया नियंत्रण, टीकाकरण, लैब जांच, नवजात देखभाल केन्द्र, पोषण पुनर्वास, आयुष्मान केन्द्र आदि सेवाओं में व्यापक व्यवधान की आशंका है।
कलेक्टर ऑफिस के सामने जेठा मे जिला के 200 एनएचएम कर्मचारियों द्वारा मंच के माध्यम से शासन का विरोध प्रदर्शन कर, रैली निकाली गईं फिर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा.
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल के रूप में बढ़ सकता है ।

📌 प्रमुख मांगें
वेतन में सुधार और ग्रेड पे को सही मानदंडों के अनुरूप लागू करना
संविदा कर्मचारियों के लिए जॉब सिक्योरिटी एवं नियमितीकरण
दुर्घटना बीमा, नई पेंशन स्कीम, डीए तथा स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएँ
वेतन विसंगति का निराकरण, समकक्षता की स्थापना
पब्लिक हेल्थ कार्ड और सेवा शर्तों में स्थायित्व
इन मांगों को लेकर पिछले कई वर्षों में कई सरकारों के समय भी समाधान नहीं निकला है, जिससे कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत हैं।
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवाओं में गंभीर व्यवधान हो सकता है।
108 एंबुलेंस सेवा सहित आपात प्रबंधन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं—क्योंकि इसमें भी NHM से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं ।
टीकाकरण, स्कूल‑आंगनबाड़ी स्वास्थ्य जांच, पोषण केन्द्र आदि ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर संचालित महत्वपूर्ण सेवाओं में बाधा संभव है ।
यह दो दिवसीय हड़ताल 16 और 17 जुलाई को है, जिसका उद्देश्य संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मूलभूत मांगों को प्रभावी ढंग से उजागर करना है। यदि सरकार योग्य कार्रवाई नहीं करती है, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन रूप ले सकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर और गंभीर असर पड़ेगा।