Narayanpur News : अबूझमाड़ के कटेलघाटी में विधिविधान से हुआ नवरात्रि के कलश विसर्जन
पत्रकार हेमंत संचेती ने किया माता रानी के भंडारे का आयोजन
सैकड़ों भक्तों ने किया माता रानी के भड़ारे का प्रसाद ग्रहण
Narayanpur News : नारायणपुर – जिले के अबूझमाड़ के करेलघाटी में विधिविधान से हुआ ज्योति कलश का विसर्जन ,ग्रामीणों ने अपनी परम्परा का निर्वहन कर माता रानी से इलाके में सुख शांति और समृद्धि की कामना , वही प्रतिवर्ष वर्ष की भांति पत्रकार हेमंत संचेती ने वान्या फेब्रीकेशन के साथियों के साथ किया भव्य भंडारे का आयोजन , तीन हजार लोगो ने माता के भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया ।
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Narayanpur News : नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के प्रवेश द्वार करेलघाटी में माता रानी के मंदिर में नवरात्री के अंतिम दिवस माता रानी के भजन कीर्तन के साथ ग्रामीणों ने पारम्परिक रीतिरिवाज के साथ ज्योति कलश का विसर्जन किया गया और नारायणपुर के पत्रकार हेमंत संचेती द्वारा मंदिर प्रांगण में लगाये गए माता रानी के भंडारे का प्रसाद ग्रामीणों ने ग्रहण किया । इस दौरान अबूझमाड़ की
इन वादियों में माता रानी के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी जिस इलाके में केवल दहशत और भय का माहौल और बंदूक की गोलियों की आवाज ही सुनाई देती रहती है वहा पर नवरात्री के 9 दिन केवल माता रानी के भजन और जयकारों की गूंज से वातावरण पूरा भक्तिमय नजर आया । अबूझमाड़ के करेलघाटी में नवरात्री के अंतिम दिवस ग्रामीणों के चेहरों पर एक अलग ही खुशी की
झलक और एक आस नजर आई जो इलाके में शांति बहाली की ओर इशारा कर रही हो । इलाके में शांति का माहौल बनाने और लोगो को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजन सैदव होते रहने चाहिए ताकि इन इलाको में चहल पहल बनी रहे और लोग बैखोफ होकर जीवन यापन कर सके अपने तीज त्यौहार खुलकर मना सके । ग्रामीणों ने कहा कि करेलघाटी में माता रानी
की कृपा से कई सालों से पूजा अर्चना की जा रही है पहले लोगो को इसकी जानकारी नही होने से कम लोग यहां आते थे लेकिन कुछ सालों से लोगो को जानकारी मिलते ही यहां पर माता के दर्शन के लिए आने लगे है । नारायणपुर से भी कई लोग माता रानी के दर्शन करने पहुचे यहां के इतिहास के बारे में जानकर काफी अचंभित हुए की नारायणपुर में रहकर उन्हें यहां के इतिहास के बारे में
पता नही था । भगवान राम अपने वनवास के दौरान दंडकारण्य कहे जाने वाले इस अबूझमाड़ में रुके थे और करेलघाटी में राक्षस का वध किया था जिसके बाद घाटी के दोनों पहाड़ी में माता रानी का वास हुआ जिसके प्रमाण भी यहां मिले है दोनों पहाड़ियों के बीच मे माता का मंदिर है पहाड़ी के ऊपर कुंड भी बना हुआ है राजा जमाने के भी निशाना यहां है जिसे पता चलता है कि यहां वे
पूजा अर्चना करने आते थे । नारायणपुर के पत्रकार हेमंत संचेती के द्वारा पिछले पांच सालों से भंडारे का आयोजन कर हम ग्रामीणों का उत्साह वर्धन कर हर वर्ष अच्छे से नवरात्रि का पर्व मनाए ऐसा मनोकामना उत्पन्न करते है ।