Mathura, the city of Banke Bihari Lal अबीर गुलाल की आंधी : ब्रज में खूब उड़ा गुलाल,कोना कोना हुआ इन्द्रधनुषी

Mathura, the city of Banke Bihari Lal

Mathura, the city of Banke Bihari Lal ब्रज में खूब उड़ा गुलाल,कोना कोना हुआ इन्द्रधनुषी

Mathura, the city of Banke Bihari Lal मथुरा !   बांके बिहारी लाल की नगरी मथुरा में होली के मौके पर अबीर गुलाल की इस कदर आंधी चली कि ब्रज का कोना कोना इंद्रधनुषी बन गया।

मथुरा जिले के फालेन गांव में साेमवार तड़के हजारों की भीड़ के बीच 30 वर्षीय मोनू पंडा गांव में बनाई गई विशाल होली के ऊपर से इस प्रकार से निकला जैसे वह फूल की पंखुड़ियों के ऊपर चल रहा हो। होली से निकलने के तुरंत बाद उसने कहा कि उसे किसी प्रकार की परेशानी नही हुई है। मोनू पिछले तीन साल में इसी प्रकार जलती होली से निकल चुका है। वह चार बजे होली की लपटों से निकला था।

Mathura, the city of Banke Bihari Lal गोपाल मन्दिर के महन्त बालकदास ने बताया कि मोनू ने होली से निकलने के पहले लगातार कई घंटे तक हवन किया तथा हवन के बगल में रखे दीपक पर बार बार हथेली रखकर उसकी गर्मी का अंदाज किया । उसे जब दीपक लौ शीतल लगने लगी तो उसने होली में आग लगाने का संकेत दिया तथा स्वयं निकट के प्रहलाद कुंड में स्नान किया। इसके बाद उसकी बहन ने करूए से कुंड से होली तक आने के मार्ग पर जल छिड़का और फिर वह पलक झपकते ही निकल गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डे ने भी पंडे के होली से सकुशल निकलने की पुष्टि की और कहा कि यह धार्मिक अनुष्ठान बिना किसी घटना के सकुशल सम्पन्न हो गया।

Mathura, the city of Banke Bihari Lal  आज तीर्थयात्रियों का सबसे अधिक जमावड़ा गोवर्धन में था तथा वहां पर इतना अधिक गुलाल उड़ा कि आसमान इन्द्रधनुषी बन गया।गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर आन्योर और जतीपुरा में छोटे छोटे बच्चों ने परिक्रमार्थियों को रंग से गीला किया तो परिक्रमार्थी इतना भाव विभोर हुए कि वे नृत्य कर उठे। उन्होंने इस रंग को ठाकुर का प्रसार माना तथा बच्चों को मिठाई एवं गुझिया भी दी।

बल्देव में राऊ जी मन्दिर के प्रांगण में आज दहनावर का आयोजन किया गया ।दहनावर में कल्याणदेव परिवार की हर आयु वर्ग की बहुएं अपने देवर के साथ कई घंटे तक नृत्य कर रही थीं। मन्दिर के प्रबंधक कन्हैया शर्मा के अनुसार मन्दिर में 26 मार्च को होने वाले हुरंगा , जो एक प्रकार की होली ही है, की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

मथुरा में द्वारकाधीश मन्दिर में आज भक्तों ने ठाकुर के साथ दो घंटे तक जमकर होली खेली। मन्दिर के गर्भगृह में पहले श्यामाश्याम ने होली खेली तथा बाद में मन्दिर के पुजारी ने जगमोहन से सोने और चांदी की पिचकारी से यही रंग श्रद्धालुओं पर डाला तो वे भाव विभोर हो गए।

मन्दिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि रंग खेलने के कारण आज लाला ने विश्राम नही किया इसलिए मन्दिर आज शाम साढ़े चार बजे ही बन्द हो जाएगा। वृन्दावन के बांकेबिहारी मन्दिर और सप्त देवालयों में रविवार को शयन के दर्शन के बाद रंग का चलना बंद हो गया था।

बांकेबिहारी मन्दिर के सेवायत ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि मन्दिर के बाहर तीर्थयात्रियों ने जमकर होली खेली तथा मथुरा के रसिया पर नृत्य भी किया। उन्होंने बताया कि ठाकुर ने जहां आज बालभोग में मूंग की दाल का हलुवा और एक विशेष प्रकार का व्यंजन अघौटा खाया वही दोपहर बाद उन्होंने चाट का आनन्द लिया। चाट के व्यंजनों में ठाकुर के लिए गोलगप्पे, कांजी बड़ा , दही बड़ा, आलू की टिकिया, पकौड़ी, मूंग की दाल का चीला आदि तैयार किये गए थे।

शुचिता के लिए मशहूर राधारमण मन्दिर में आज राजभोग के समय भक्तेंा पर प्रसाद स्वरूप रंग गुलाल डाला गया और उनमें जलेबी का प्रसाद वितरित किया गया। आज ही मन्दिर में दोपहर बाद चैतन्य महाप्रभु का जन्म दिन मनाया गया । पहले उनका अभिषेक किया गया और बाद में लोगों ने कौपीन और उस वस़्त्र के दर्शन किये जिसे चैतन्य महाप्रभु ने अपने शिष्य और राधारमण मन्दिर के स्वयं प्राकट्य विगृह को नेपाल से वृन्दावन लानेवाले गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया था।उन्होंने बताया कि मन्दिर में रविवार शयन भोग के बाद रंग के चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था।

मथुरा जंक्शन स्टेशन आज तीर्थयात्रियोंं से खचाखच भरा हुआ था। उत्तर मध्य रेलवे ने पहले से ही उनके लिए अतिरिक्त रेलगाड़ियां चला रखी हैं। स्टेशन निदेशक एस के श्रीवास्तव ने बताया कि तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त टिकट काउन्टर खोले गए हैं तथा तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अधिकारी 24सो घंटे लगाए गए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त रेलगाड़ी भी किसी भी स्थान के लिए चलाई जा सकती है।

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सोमवार की शाम को भगत सिंह पार्क में होली मिलन समारोह आयोजित किया गया था जिसमें लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर होली की बधाई दी। कुल मिलाकर ब्रजभूमि होली के रंग में ऐसी रंगी कि यहां आनेवाले तीर्थयात्री धन्य हो गए।

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