Malaria मलेरिया से बचाव के लिए सीमा क्षेत्र के 97 गांवों में होगी मास स्क्रीनिंग
Malaria राजनांदगांव। Malaria मलेरिया संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले से सटे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर एक दिवसीय मास स्क्रीनिंग की जाएगी। Malaria इस दौरान सीमा क्षेत्र के 97 गांवों की लगभग 67,000 जनसंख्या के बीच मलेरिया जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। जांच में Malaria की पुष्टि होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में पीड़ित का इलाज कराया जाएगा।
जनसमुदाय, आदिवासी समुदाय वाले क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्र तथा मलेरिया हेतु अतिसंवेदनशील क्षेत्र में विशेषकर प्रवासी, गर्भवती तथा 5 साल से कम उम्र के बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जिले में विभिन्न जागरुकता गतिविधि की जा रही है। Malaria स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें डोर-टू-डोर सर्वे, Malaria जांच तथा मच्छरदानी वितरण प्रमुखता से शामिल हैं। मलेरिया की रोकथाम संबंधी गतिविधियों के संचालन के लिए जिला स्तर पर विशेष स्वास्थ्य दल भी गठित किया गया है, जो जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में सेवारत है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने बतायाः Malaria की रोकथाम व इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विविध जनजागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला स्तर पर विशेष स्वास्थ्य दल गठित कर संवेदनशील क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। अस्पतालों में भी स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में आगामी 3 नवंबर को राजनांदगांव जिले से लगे मध्यप्रदेश के बालाघाट और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व गोंदिया जिले की सीमा पर एक दिवसीय मास स्क्रीनिंग की जाएगी। इस दौरान सीमा क्षेत्र के 97 गांवों की लगभग 67,000 जनसंख्या के बीच मलेरिया जांच करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास साफ सफाई रखें।
वहीं इस बारे में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जिला सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः कलेक्टर डोमन सिंह के निर्देशन व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ के मार्गदर्शन में मलेरिया की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
साथ ही मौसमी रोगों से बचाव हेतु सालभर प्रत्येक बुधवार को ग्रामीण व गुरुवार को शहरी क्षेत्र में ड्राई डे भी मनाया जाता है जिसमें सोर्स रिडक्शन गतिविधियां की जाती हैं। जनजागरुकता के लिए गांवों में कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
Malaria से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन द्वारा गृहभेंट कर समुदाय में मच्छरदानी बांटी गई है तथा इसके रखरखाव, साफ सफाई एवं उपयोग से संबंधित जानकारी समुदाय को दी गई है। वहीं मच्छरदानी का उपयोग करने की अपील के साथ प्रतिदिन शाम को मितानिन अथवा गांव के प्रमुख व्यक्ति द्वारा नगाड़ा, सीटी और घंटी बजवाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।