(Make Bhatapara a district) भाटापारा को जिला बनाओ अब नगर के चौक चौराहों पर दिखने लगा यह पोस्टर

(Make Bhatapara a district)

राजकुमार मल

(Make Bhatapara a district) भाटापारा को जिला बनाओ अब नगर के चौक चौराहों पर दिखने लगा यह पोस्टर

(Make Bhatapara a district) भाटापारा- जिला निर्माण संघर्ष समिति के द्वारा अब मोटरसाइकिल के हेड लाइटके ऊपर विंड स्कीन पर भाटापारा को जिला बनाने की मांग का स्टीकर देखने को मिल रहा है।हांटल ,दुकान, बस स्टैंड व जनता के आवाजाही वाली जगह पर भाटापारा जिला बनाओ के पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं | यह केवल पोस्टर या स्टिकर है लेकिन सच्चे अर्थों में यह पोस्टर यहां की आम जनता की पीड़ा है व आवाज है जो उभर कर सामने आ रही है।

(Make Bhatapara a district) भाटापारा को जिला बनाने की मांग 40 वर्षों पुरानी है । बार-बार राजनीतिक दलों से छले जाने के बाद भी यहां की जनता राजनेताओं के आश्वासन पर विश्वास टिकाए बैठी हुई है कि किसी ना किसी दिन ये राजनेता अपना किया हुआ वादा जरूर पूरा करेंगे । जिले की मांग को लेकर अब तक किसी भी प्रकार का विध्वंसक प्रदर्शन या धरना का नहीं होना इस बात का परिचायक है कि यहां की जनता शांतिप्रिय है और अपनी मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण कराने में विश्वास करती है।

(Make Bhatapara a district) जिला निर्माण संघर्ष समिति भी अब तक अपना आंदोलन ,धरना शांतिपूर्ण करते आ रही है किन्तु अब जबकि पानी सर से गुजर चुका है और सरकार के मात्र 11 महीने का कार्यकाल बचा हुआ है यहां की आम जनता चाहती है कि चुनाव से पहले भूपेश सरकार अपना किया हुआ वादा निभाए और भाटापारा को स्वतंत्र जिला का दर्जा देकर शहीद नंदकुमार पटेल के सपनों को पूरा करें।

(Make Bhatapara a district)  जब-जब भाटापारा के विकास की बात हुई तब तक भाटापारा के साथ अन्याय हुआ । भाटापारा को मिलने वाली हर सुविधा से उसे वंचित किया गया । 2012 में भी जब भाटापारा को जिला बनाने की बात हुई तब भी यहां के जनप्रतिनिधियों ने शासन प्रशासन के समक्ष अपनी बात नहीं रखी नतीजा यह हुआ कि भाटापारा जिला बनने से वंचित रह गया,इस पीड़ा से यहां की आम जनता अब तक उबर नहीं पाई है। अब क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनाव को कुछ महीने ही रह गए हैं यहां की आम जनता चाहती हैं कि आम चुनाव के पहले भाटापारा स्वतंत्र जिला बन जाए।

अब देखना यह है कि 4 साल पूर्व किए हुए वायदे पर भूपेश सरकार कितना खरा उतरती है। क्या भूपेश सरकार आम जनता का विश्वास पाने में सफल होगी या फिर पिछले 40 वर्षों की भांति इस बार भी भाटापारा को छला जाएगा। परंतु इतना जरूर है की यहां की आम जनता प्यार देने या सबक सिखाने दोनों के लिए तैयार बैठी हुई है । अब फैसला भूपेश सरकार के ऊपर है कि वह यहां की जनता से प्यार चाहती है या सजा।

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