Mahua शराब बंदी के कारण बिहार बंद, झारखंड थोड़ा- बहुत

Mahua

राजकुमार मल

 

Mahua आशंका, और मंदी की

 

 

Mahua भाटापारा– बिहार बंद। झारखंड थोड़ा-बहुत। अच्छे दिन की राह देखते हुए महुआ में स्थिति, अब स्थिरता की बनने लगी है। आने वाले दिनों को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है महुआ का बाजार क्योंकि लोकल मांग पर भी ब्रेक लगा हुआ है।

 

संग्रहण के दिनों में, रिकॉर्ड खरीदी की थी महुआ कारोबारियों ने। उम्मीद थी बिहार और झारखंड की चौतरफा खरीदी थी, पहला झटका अंतरप्रांतीय मांग की आस को उस दिन लगा, जब बिहार ने छत्तीसगढ़ से महुआ की खरीदी एक झटके में बंद कर दी। कुल उत्पादन का लगभग 60 से 70 फ़ीसदी हिस्से की खरीदी बंद होने से यह क्षेत्र गहरे संकट में आ चुका है।

Mahua इसलिए बिहार बंद

 

 

छत्तीसगढ़ में संग्रहित महुआ की लगभग 70 फ़ीसदी मात्रा की खरीदी करने वाले बिहार में, अब शराब बंदी का फैसला प्रभावी हो चुका है। ऐसे में बड़े उपभोक्ता का साथ, छत्तीसगढ़ से छूट चुका है। नए उपभोक्ता प्रांत की खोज जारी तो है लेकिन संशय बना हुआ है क्योंकि उठाव की मात्रा बिहार जैसी निकलेगी या नहीं ? जैसे सवाल मजबूती के साथ बने हुए हैं।

झारखंड थोड़ा-बहुत

 

छत्तीसगढ़ से महुआ की खरीदी करने वाला दूसरा बड़ा उपभोक्ता राज्य है झारखंड। यहां से निकल रही मांग में भी कमी के संकेत मिल यहे हैं। पहली वजह, झारखंड में महुआ की फसल संतोषजनक, को माना जा रहा है,तो शराब के कारोबार पर सख्ती, दूसरी वजह के रूप में सामने आ रही है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़, आने वाले दिनों में इस राज्य से बेहतर मांग की उम्मीद में है।

न्यूनतम और अधिकतम

 

 

उपभोक्ता राज्यों की मांग में जैसी स्थिति बनी हुई है, उसके बाद हल्की गुणवत्ता वाला महुआ 2400 से 2500 रुपए क्विंटल पर स्थिर है। बेस्ट क्वालिटी का महुआ 3300 से 3400 रुपए क्विंटल की दर पर विक्रय किया जा रहा है। आमना, आने वाले दिनों में ऐसे बने रहने की ही है।

उपभोक्ता मांग बेहद कमजोर

 

बिहार जैसे बड़ी मांग वाले राज्य ने, मदिरा पर प्रतिबंध के बाद महुआ की खरीदी बंद कर दी है। लोकल मांग है नहीं, इसलिए झारखंड से बेहतर मांग की उम्मीद है।
– सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर

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