Lumpy skin disease : लंपी स्कीन रोग के संक्रमण से पशुओं के बचाव हेतु पशुपालन विभाग अलर्ट

Lumpy skin disease :

हिंगोरा सिंह

Lumpy skin disease : पशुपालकों से अपील, संक्रमित मवेशी को अलग रखें, जिससे स्वस्थ मवेशियों में संक्रमण ना फैले

Lumpy skin disease : अम्बिकापुर !   जिले में लम्पी स्कीन रोग से पशुओं के बचाव और उनके उचित उपचार के लिए पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार के विशेष संज्ञान पर इस रोग से मवेशियों के बचाव और उपचार के लिए विभाग द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है।

इसी कड़ी में विकासखंड उदयपुर में लंपी रोग से पीड़ित पशुओं के उपचार में लापरवाही की खबर का उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग ने खंडन किया है। उन्होंने बताया कि उदयपुर विकासखंड अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 39 हजार 783 पशुओं का टीकाकरण किया गया है और वर्ष 2023-24 में अब तक 9 हजार 814 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। अभी वर्तमान वर्ष 2023-24 में कुल एलएसडी संक्रमित पशु 104 है जिनमें से 101 पशु स्वस्थ है और 1 पशु की मृत्यु हुई है और 02 नये केस दर्ज हुए है, जिनका उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि उदयपुर एलएसडी नियंत्रण हेतु दल गठित है जिनके नोडल डा. राहुल पेंड्रो वीएएस उदयपुर और सहायक नोडल हरकेश चौधरी एवीएफओ उदयपुर है। इनके द्वारा विकास खण्ड में निगरानी रखी जा रही है और सूचना प्राप्त होने पर त्वरित उपचार किया जा रहा है।

Lumpy skin disease :  पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि लम्पी स्कीन रोग एक विषाणु (वायरल) जनित रोग है। जो मुख्यतः मच्छर मक्खी के काटने एवं दूसरे पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है। लम्पी स्कीन रोग से रोकथाम एवं बचाव के उपाय टीकाकरण ही एकमात्र बचाव का तरीका है। इस रोग हेतु गोट पॉक्स टीका लगाया जाता है।

पशुपालकों से अपील, संक्रमित मवेशी को अलग रखें, जिससे स्वस्थ मवेशियों में संक्रमण ना फैले – स्वस्थ पशुओं को अलग रखें और इसg रोग से संक्रमित पशु को अलग रख के उसका उपचार करना चाहिए। उचित कीटनाशक का उपयोग कर मच्छर मक्खियों तथा अन्य बाह्य परजीवियों का भी नियंत्रण करना चाहिए।

मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट के जरिए भी 2400 से ज्यादा मवेशियों को मिला उपचार

 

 

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राज्य में पशुधन के घर पहुंच इलाज की सुविधा हेतु ‘‘मुख्यमंत्री गौवंश मोबाइल चिकित्सा योजना‘‘ के तहत जिले में संचालित मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से अब तक 60 गौठानों में आयोजित शिविर के माध्यम से 2460 पशुओं का उपचार कर 2092 पशुओं को दवा दिया गया। वहीं 170 पशुओं का बधिकरण, 88 पशुओं के विभिन्न रोगों के सेम्पल टेस्ट एवं 423 पशुओं का टीकाकरण किया गया।

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