Lok Sabha Elections लोकसभा चुनाव में तीसरी बार भाजपा ने की बड़ी जीत का दावा

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Lok Sabha Elections लोकसभा चुनाव में तीसरी बार भाजपा ने की बड़ी जीत का दावा

 

Lok Sabha Elections नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने  संसद में आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरी बार भाजपा की बड़ी जीत का दावा किया था !  देश का मिजाज देखकर लग रहा है कि इस बार एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिलेगी और बीजेपी 370 सीटों पर जीत हासिल होगी.

PM नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. पीएम के इस बयान को बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने भी नारा बना दिया है. आम चुनाव से ठीक पहले इंडिया टुडे ग्रुप और सी वोटर ने देश का मिजाज जानने की कोशिश की है. सर्वे के जो नतीजे आए हैं, वो एनडीए को अपने तय टारगेट तक पहुंचाते नहीं दिख रहे हैं. इन आंकड़ों ने यह भी बता दिया कि एनडीए को सहयोगी साथियों की जरूरत क्यों है? यही वजह है कि एनडीए सरकार ने शुक्रवार को एक साथ तीन विभूतियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है.

 

Lok Sabha Elections हालांकि, एनडीए को इस बार 18 सीटों का नुकसान होने की उम्मीद है. इसका सीधा लाभ इंडिया ब्लॉक को मिलने जा रहा है. इंडिया ब्लॉक के खाते में 166 सीटें जा सकतीं हैं. अन्य को 42 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस 71 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार 19 सीटें ज्यादा जीत रही है. क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय समेत अन्य को बाकी 168 सीटें मिलने की संभावना है. 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो एनडीए ने तब 351 सीटें जीती थीं. बीजेपी को अकेले 303 सीटें मिलीं थीं. कांग्रेस का सफाया हो गया गया और उसे सिर्फ 52 सीटें ही मिल पाई थीं.

 

खुद बीजेपी को भी पिछली बार के मुकाबले एक सीट कम मिलने की बात कही जा रही है. यही वजह है कि बीजेपी अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक में बीजेपी ने अपने अलायंस में क्षेत्रीय दलों और उनके नेताओं को शामिल करवाए जाने का अभियान छेड़ दिया है. जगह-जगह नेताओं को पार्टी और अलायंस में लाया जा रहा है.

 

Lok Sabha Elections बात बिहार की हो या महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना की. नॉर्थ से लेकर साउथ तक क्षेत्रीय दलों को एनडीए में लाने के लिए बीजेपी नेताओं को बातचीत और फॉर्मूला निकालने की जिम्मेदारियां दी गई हैं. चूंकि एनडीए ने जो टारगेट तय किया है, उससे सीटों की संख्या 65 कम है. बीजेपी भी अपने टारगेट से 66 सीट पीछे दिख रही है.

पिछले चुनाव में यूपी में बसपा का सपा के साथ गठबंधन था, इसका फायदा ये मिला कि बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों में भी बसपा अपनी परफॉर्मेंस दोहरा पाएगी या उससे बेहतर कर पाएगी, इसका पता तो नतीजों के बाद ही चलेगा.

 

Lok Sabha Elections बीजेपी अक्सर रालोद पर परिवारवादी पार्टी होने का आरोप लगाती रही है. लेकिन जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं, पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुरादाबाद डिवीज़न के साथ ही मेरठ, अलीगढ़ और आगरा में लोकसभा की करीब 18 सीटें हैं, यहां बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम वोट बैंक के असर को कम करने और विपक्षी समाजवादी पार्टी से टक्कर लेने के लिए बीजेपी को रालोद का साथ चाहिए.

चुनाव को लेकर बीजेपी कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है, अपनी रणनीति के तहत बीजेपी ने बिहार में जदयू को एनडीए में शामिल करके इंडिया ब्लॉक को बड़ा झटका दिया है. कर्नाटक में देवगोड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन किया है ताकि लिंगायत के साथ अन्य समुदायों तक सीधी पहुंच बनाई जा सके. जनवरी में सपा और रालोद के बीच 7 सीटों पर सहमति बनी थी. सूत्रों के मुताबिक इन 7 सीटों में से तीन सीट कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर सीट से रालोद के चुनाव चिह्न पर सपा अपने उम्मीदवार उतारने की बात कर रही थी. इससे जाटों में नाराजगी थी, बीजेपी उनकी इस नाराजगी का भी फायदा उठाना चाहती है.

साउथ इंडिया के पांच राज्य- केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल मिलाकर 129 लोकसभा सीटें आतीं हैं. यहां ‘इंडिया’ ब्लॉक को बड़ा फायदा मिलता दिख रहा है. जबकि, एनडीए को कर्नाटक छोड़कर बाकी कहीं और कुछ खास फायदा नहीं मिल रहा है. बात आंध्रप्रदेश की करें तो यहां लोकसभा की 25 सीटें आती हैं. ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी बड़ा उलटफेर करने जा रही है. उसे 17 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी को 8 सीटें ही मिलती नजर आ रहीं हैं. जबकि सर्वे में न तो NDA का यहां खाता खुलता दिख रहा है और न इंडिया ब्लॉक का. ऐसे में TDP बीजेपी के लिए बेहद अहम हो जाती है.

क्योंकि टीडीपी, बीजेपी के टारगेट को छूने में मददगार साबित होगी. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.

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Lok Sabha Elections इस बैठक में जेपी नड्डा भी शामिल थे. कहा जा रहा है कि बीजेपी अगर टीडीपी के साथ गठबंधन कर लेती है तो वाइएसआर कांग्रेस शासित राज्य में NDA बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. बता दें कि टीडीपी 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी, इसके बाद हुए 2019 के चुनावों में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. वह केवल तीन लोकसभा सीटें ही जीत सकी थी.

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