Lady motor mechanic महिलाओं के लिए मिसाल बन रही बस्तर की पहली महिला ‘मोटर मैकेनिक’- हेमवती नाग

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Lady motor mechanic महिलाओं के लिए मिसाल बन रही बस्तर की पहली महिला ‘मोटर मैकेनिक’- हेमवती नाग

Lady motor mechanic जगदलपुर! कहते हैं कि जहां चाह है, वहां राह है… आगे बढ़ने की यही चाह नजर आई जिला बस्तर के एक छोटे से गांव रेटावंड की रहने वाली हेमवती नाग के अंदर। तीन बच्चों की मां हेमवती अपने पति के साथ रहती हैं।

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Lady motor mechanic साधारण माताओं की तरह ही हेमवती भी सुबह उठकर बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती हैं, घर का काम निपटाती हैं और जरूरत पड़ने पर खेत का काम भी करती हैं। लेकिन हेमवती की पहचान इससे भी इतर है और वह पहचान है ‘बस्तर की पहली मोटर मैकेनिक’ होने की।

Lady motor mechanic आठवीं तक की स्कूली शिक्षा लेने के बाद हेमवती का विवाह तुलेश्वर नाग के साथ हो गया। पेशे से मैकेनिक तुलेश्वर ने एक छोटी सी गाड़ी बनाने की दुकान खोली। शहर से दूर होने की वजह से जब भी तुलेश्वर को सामान लेने शहर जाना होता था, उन्हें दुकान बंद करनी पड़ती थी।

Lady motor mechanic जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था। हेमवती ने पति की मदद करने की ठान ली। उन्होंने पाना-पेंचिस उठाया और अपने पति से दोपहिया गाड़ी सुधारने की तकनीक को सीखने की इच्छा बताई।

Lady motor mechanic बस फिर क्या था, यहीं से हेमवती के मैकेनिक बनने का सफर शुरू हुआ। हेमवती हंसते हुए कहती हैं-कि लड़का-लड़की कुछ नहीं होता है, लड़कियां वो सब कर सकती हैं जो लड़के कर सकते हैं। मुझे और सीखना है और आगे बढ़ना है ताकि बस्तर की लड़कियां मुझसे प्रेरणा लेकर काम करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियां वो सब करें जो वो करना चाहती हैं।

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शिक्षा के प्रति भी हेमवती काफी जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी पूजा नाग का दाखिला स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल में करवाया है जहां वो अंग्रेजी पढ़ती हैं। ये देखकर हेमवती खुश हैं और उनकी इच्छा है कि उनके बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करे।


आज हेमवती और उनके पति साथ मिलकर अपनी मोटर मैकेनिक की दुकान में साथ काम करते हैं। हेमवती का कहना है कि पति की अनुपस्थिति में हेमवती अकेले दुकान का काम निपटा लेती हैं और दुकान पर किसी अन्य को काम पर रखने की झंझट से भी उन्हें छुटकारा मिल गया।

हेमवती नाग जिस भरोसे से कहती हैं कि उन्हें आगे बढ़ना है वह काबिले तारिफ है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास उन्हें औरों से अलग बनाती है। निश्चित ही वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरेंगी।

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