Labour Day गर्मी के दिनों में बोरे-बासी शरीर को रखता हैं ठंडा : जिला अध्यक्ष बालेश्वर साहू
Labour Day सक्ती ! एक मई मजदूर दिवस के उपलक्ष में श्रमिकों को सम्मान देने के लिए उनके प्रिय आहार को लेकर पूरे राज्य में बोरे-बासी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी सप्ताह में सक्ती जिला के युवा कांग्रेस अध्यक्ष बालेश्वर साहू ने श्रमिकों के सम्मान में अपने निवास में बासी खाया। बालेश्वर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आमजन जीवन में बोरे-बासी लोकप्रिय है। राज्य में बहुतायत रूप से धान की खेती के कारण यहां चावल से बने अनेक व्यंजन प्रचलित है। इनमें बोरे-बासी भी एक है।
छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग भी इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। बोरे-बासी यहां के जीवन शैली का अहम हिस्सा हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की संस्कृति के साथ यहां के खान-पान को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बोरे का अर्थ है सुबह के चावल को पानी में भिगोए रखना और बासी का मतलब है रात के बचे चावल को पानी में भिगोकर रात भर रखना उसे कहते हैं बासी इसका अर्थ हो जाता है बोरे- बासी। गर्मी के दिनों में बोरे-बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह रामबाण है। बोरे-बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।